महारानी एलिजाबेथ के मुकुट में जड़ा कोहिनूर हीरा (फाइल फोटो)
लाहौर:
पाकिस्तान की एक अदालत ने एक वकील की ओर से दायर उस याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया जिसमें सरकार को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा वापस ले आए जिसे भारत वर्षों से ब्रिटेन से हासिल करने का प्रयास कर रहा है। अदालत ने कहा कि यह याचिका विचार योग्य नहीं है।
एलिजाबेथ द्वितीय और ब्रिटिश उच्चायुक्त थे प्रतिवादी
वकील जावेद इकबाल जाफरी ने लाहौर उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और पाकिस्तान में ब्रिटिश उच्चायुक्त को प्रतिवादी बनाया था और संघीय सरकार को यह निर्देश देने की मांग की थी कि वह ब्रिटिश सरकार से कोहिनूर हीरा वापस पाकिस्तान लाए। वकील जाफरी ने अपनी याचिका में कहा कि एक समय सबसे बड़ा ज्ञात हीरा रहा कोहिनूर पाकिस्तान को वापस किया जाना चाहिए क्योंकि यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सांस्कृतिक धरोहर है और वास्तव में उस पर उसके नागरिकों का अधिकार है।
हीरे का वजन 105 कैरेट
वकील ने कहा कि ब्रिटेन ने हीरा महाराजा रणजीत सिंह के पौत्र दलीप सिंह से छीना और उसे ब्रिटेन ले गए। वकील ने कहा, ‘हीरा वर्तमान महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की 1953 में उनकी ताजपोशी के समय उनके मुकुट में जड़ा गया। महारानी एलिजाबेथ का कोहिनूर हीरे पर कोई अधिकार नहीं है जिसका वजन 105 कैरट है और कीमत अरबों रुपये है।’ इस याचिका पर सुनवाई करते हुए लाहौर उच्च न्यायालय ने इसे विचार योग्य नहीं करार देते हुए खारिज कर दिया।
एलिजाबेथ द्वितीय और ब्रिटिश उच्चायुक्त थे प्रतिवादी
वकील जावेद इकबाल जाफरी ने लाहौर उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और पाकिस्तान में ब्रिटिश उच्चायुक्त को प्रतिवादी बनाया था और संघीय सरकार को यह निर्देश देने की मांग की थी कि वह ब्रिटिश सरकार से कोहिनूर हीरा वापस पाकिस्तान लाए। वकील जाफरी ने अपनी याचिका में कहा कि एक समय सबसे बड़ा ज्ञात हीरा रहा कोहिनूर पाकिस्तान को वापस किया जाना चाहिए क्योंकि यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सांस्कृतिक धरोहर है और वास्तव में उस पर उसके नागरिकों का अधिकार है।
हीरे का वजन 105 कैरेट
वकील ने कहा कि ब्रिटेन ने हीरा महाराजा रणजीत सिंह के पौत्र दलीप सिंह से छीना और उसे ब्रिटेन ले गए। वकील ने कहा, ‘हीरा वर्तमान महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की 1953 में उनकी ताजपोशी के समय उनके मुकुट में जड़ा गया। महारानी एलिजाबेथ का कोहिनूर हीरे पर कोई अधिकार नहीं है जिसका वजन 105 कैरट है और कीमत अरबों रुपये है।’ इस याचिका पर सुनवाई करते हुए लाहौर उच्च न्यायालय ने इसे विचार योग्य नहीं करार देते हुए खारिज कर दिया।
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