पंजाब सरकार द्वारा राज्य के कैदियों को रिहा किए जाने की मांग के बीच केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को संकेत दिया कि चुने हुए मामलों में कानूनी राय ली जा सकती है जैसे वृद्ध व्यक्ति और वह जो कम से कम बीस साल जेल में रह चुके हैं, लेकिन उनके लिए नहीं जो गंभीर आरोपों में दोषी हैं।
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या जैसे गंभीर आरोपों के दोषी आतंकियों को रिहा किए जाने से इनकार किया है। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की इस मांग के साथ गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात किए जाने के बाद यह बात कही।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘आतंकी मामलों पर रुख को नरम बनाने का कोई सवाल नहीं है। किसी भी कैदी को रिहा किए जाने पर बादल को कोई वचन नहीं दिया गया है। उन जैसे लोगों को रिहा करने का कोई सवाल नहीं है जो बेअंत सिंह की हत्या के दोषी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि चुनिंदा मामलों की कानूनी रूप से जांच की जा सकती है... उन लोगों को रिहा करने की संभावना की कानूनी पड़ताल के रास्ते खोजे जा सकते हैं, जिन्होंने जेल में कम से कम बीस साल काट लिए हैं।’’
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