फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा है कि उनका देश धार्मिक चरमपंथियों के खिलाफ जल्द ही मजबूती से खड़ा होगा. उनका यह बयान नीस शहर के एक चर्च में चाकू से किए गए आतंकी हमले में तीन लोगों की मौत के बाद आया है. देश में इस महीने दूसरी बार हुए हमले को उन्होंने इस्लामी आतंक ठहराया है. नीस में राष्ट्रपति मैक्रॉन ने कहा, "फ्रांस अपने मूल्यों पर हार नहीं मानेगा."
दक्षिणी शहर के चर्च नॉट्रे-डेम बेसिलिका में गुरुवार को एक ट्यूनीशियाई प्रवासी ने 30 सेंटीमीटर (12-इंच) चाकू के साथ करीब आधे घंटे तक कोहराम मचाया और वहां प्रार्थना करने वालों को निशाना बनाया. इस हमले में 60 साल की एक महिला ने चर्च के अंदर ही दम तोड़ दिया. उसके बगल में ही फर्श पर 55 साल के चर्च कर्मी की भी लाश गिरी हुई थी.उसका भी गला आतंकी ने काट दिया था.
इस हमले में घायल 44 साल की एक अन्य ब्राजीलियन महिला भागकर एक रेस्टोरेन्ट में बचने के लिए घुस गईं लेकिन वो भी नहीं बच सकी. उसके शरीर पर कई जख्म थे. फ्रेन्च केबल चैनल BFM TV के मुताबिक मरने से पहले महिला ने कहा, "मेरे बच्चों से कहना. मैं उन्हें बहुत प्यार करती हूं."
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जूडिशियल सूत्रों को मुताबिक, हमलावर, जिसे पुलिस ने गोली मारकर घायल कर दिया था, की पहचान 21 वर्षीय ब्राहिम औइस्सौई के रूप में की गई, जो पिछले महीने इटली आया था, फिर वहां से वह फ्रांस आया था. फ्रांस के आतंकवाद विरोधी अभियोजक जीन-फ्रेंकोइस रिकर्ड ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, हमलावर ब्राहिम के पास कुरान की एक प्रति थी और उसके साथ तीन चाकू थे. जब पुलिस ने उस पर गोली चलाई और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया तब उसने "अल्लाहु अकबर" (गॉड इज ग्रेटेस्ट) चिल्लाया था.
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