इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने कहा है कि उनकी सरकार तालिबान के साथ बातचीत के लिए तैयार है। गिलानी हालांकि इन सवालों को टाल गए कि क्या इस सुलह-समझौते में हक्कानी नेटवर्क को भी शामिल किया जाएगा। यह पहली बार है, जब गिलानी ने अपनी इस शर्त को छोड़ दिया है कि बातचीत शुरू करने के पहले आतंकवादियों को अपने हथियार डालने होंगे। हालांकि उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर बातचीत असफल रही, तो सेना कबायली इलाकों में कार्रवाई शुरू कर देगी। प्रधानमंत्री ने रविवार रात अपने निवास पर संवाददाताओं से कहा कि अगर बातचीत सफल नहीं हुई, तो सरकार कबायली इलाकों में सैन्य अभियान शुरू कर देगी। गिलानी ने इस बात का पूरा विवरण दिया कि पहली बार बातचीत कैसे होगी। इसके कुछ ही दिन पहले कबायली इलाकों में अशांति को खत्म करने के लिए राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई गई थी। मीडिया की खबरों में आज प्रधानमंत्री के हवाले से कहा गया है, हम बातचीत के पहले आतंकवादियों से हथियार डालने को नहीं कहेंगे, क्योंकि यह कबायली संस्कृति के खिलाफ है। हालांकि राजनीतिक एजेंट (कबायली इलाकों में सरकार के प्रशासक) उनसे कहेंगे कि वे अपनी गतिविधियों को सीमित कर लें।
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