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This Article is From Aug 29, 2013

सीरिया पर संकट और गहराया, कूटनीतिक हलचल तेज

सीरिया पर संकट और गहराया, कूटनीतिक हलचल तेज
लंदन: सीरिया पर पश्चिमी देशों के हमले की आशंका और गहरी होती जा रही है। अमेरिका इस बात को लेकर निश्चित है कि सीरिया की सरकारी सेनाओं ने रासायनिक हथियारों का उपयोग किया है। वहीं संयुक्त राष्ट्र दल की जांच जारी है। रूस और ईरान ने भी सीरिया में हमले की संभावना से पैदा होने वाले हालात पर चर्चा की है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार रात को सीरिया मसले पर बात की। दोनों नेता इस बात पर राजी थे कि बिना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अनुमति के सीरिया पर सैन्य कार्रवाई उचित नहीं है। उन्होंने सीरिया संकट के राजनीतिक हल की वकालत की।

उधर, फ्रांस ने कहा है कि उसकी सेनाएं सीरिया पर हमले में साथ देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

संयुक्त राष्ट्र का रासायनिक जांच दल गुरुवार को भी सीरिया की राजधानी दमिश्क के ग्रामीण इलाकों में अपनी जांच जारी रखे हुए है। यह दल दमिश्क के ग्रामीण इलाकों विशेषकर जमल्का में अपनी जांच को जारी रखे हुए है।

इससे एक दिन पहले सीरिया के उप-विदेशमंत्री फैसल मेकदाद ने घोषणा की थी कि अमेरिका और उसके सहयोगियों के पास इस बात का कोई साक्ष्य नहीं है कि सीरिया सरकार कथित रासायनिक हमले में शामिल है।

ब्रिटेन ने सुझाव दिया है कि कथित रासायनिक हमले की संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों द्वारा की जा रही जांच पूरी होने तक सीरिया के खिलाफ कोई सैन्य कार्रवाई नहीं की जाए।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार गुरुवार को हाउस आफ कामंस में पेश एक सरकारी प्रस्ताव में कहा गया कि किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई से पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंजूरी हासिल करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए।

प्रस्ताव में कहा गया, "दल की आरंभिक जांच खत्म होने के तुरंत बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव को तत्काल सुरक्षा परिषद को जानकारी देनी चाहिए।" प्रस्ताव में आगे कहा गया कि सीरिया के खिलाफ किसी भी कार्रवाई से पहले संयुक्त राष्ट्र की सभी प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए।

लेबनान के कार्यवाहक विदेशमंत्री ने कहा कि उनका देश पड़ोसी सीरिया पर हमले के लिए अपने हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा।

अदनान मंसूर ने बुधवार को कहा, "संयुक्त राष्ट्र जांच दल द्वारा रासायनिक हथियारों के उपयोग पर अपनी रिपोर्ट पूरा करने तक सीरिया पर कोई भी हमला नहीं किया जाना चाहिए।" उन्होंने चेतावनी दी कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्वीकृति के बगैर किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई का अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में अप्रत्यक्ष गंभीर परिणाम होंगे।

सीरिया के विद्रोहियों के अनुसार 21 अगस्त को कथित रासायनिक हमले में 1,300 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों ने सीरिया के बड़े सुरक्षा संस्थानों पर एक सैन्य हमले की चेतावनी दी है।

चीन ने सीरिया के मौजूदा संकट पर संयम बरतने की अपील की है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ से कहा कि बीजिंग मध्य पूर्व की स्थिति पर करीब निगाह रखे हुए है।

वांग ने कहा कि चीन सीरिया में किसी भी तरह के रासायनिक हथियारों के उपयोग का विरोधी है और संयुक्त राष्ट्र के निष्पक्ष जांच का समर्थन करता है। वांग ने कहा कि सीरिया में कथित रासायनिक हथियारों के उपयोग के बारे में चल रही जांच में किसी को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और न किसी को कोई पूर्व धारणा बनानी चाहिए।

चीन के मंत्री ने कहा कि सीरिया संकट को हल करने का एकमात्र वास्तविक तरीका उसका राजनीतिक हल है। बाहरी सैन्य हस्तक्षेप संयुक्त राष्ट्र चार्टर के विपरीत होगा और उससे मध्य पूर्व में अशांति बढ़ेगी।

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