- बांग्लादेश में हिंदू युवकों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार जारी हैं
- 29 वर्षीय अमृत मंडल को भीड़ ने बेरहमी से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई
- घटना स्थल से बरामद दो हथियारों से पता चलता है कि हमलावर पूरी तैयारी के साथ आए थे
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. 18 दिसंबर को दीपू नाम के युवक की हत्या के बाद अब एक और हिंदू युवक, 29 वर्षीय अमृत मंडल, भीड़ की हिंसा का शिकार हो गया. इस घटना ने एक बार फिर स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक, यह घटना तब हुई जब अमृत मंडल देर रात अपने एक परिचित शाहिदुल के घर गया था. चश्मदीदों का दावा है कि उसी वक्त अचानक अंधेरे में डाकू-डाकू का शोर मचाया गया. शोर सुनते ही पल भर में सैकड़ों लोगों की भीड़ वहां इकट्ठा हो गई. हैरान करने वाली बात यह है कि अमृत के साथ मौजूद उसके साथियों को वहां से भागने का मौका दिया गया, लेकिन भीड़ ने अकेले अमृत को दबोच लिया. इसके बाद जो हुआ वो रूह कंपा देने वाला था.
बेरहमी की सारी हदें पार
सैकड़ों लोगों की भीड़ ने अमृत पर लात-घूंसों और डंडों से हमला बोल दिया. उसे तब तक बेरहमी से पीटा गया जब तक उसकी सांसें उखड़ने नहीं लगीं. मौके पर पहुंची बांग्लादेशी पुलिस ने उसे अधमरी हालत में भीड़ के चंगुल से छुड़ाया और अस्पताल ले गई, लेकिन चोटें इतनी गहरी थीं कि रात करीब 2 बजे अमृत ने दम तोड़ दिया.
पुलिस का दावा
बांग्लादेश पुलिस के अनुसार अमृत मंडल एक गैंगस्टर था और सम्राट वाहिनी नामक गिरोह का सरगना था. उस पर हत्या और जबरन वसूली समेत कई आपराधिक मामले दर्ज थे. पुलिस का कहना है कि यह हत्या जबरन वसूली के विवाद में हुई है और इसका कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. हालांकि, मौके से दो हथियार भी बरामद हुए हैं, जो इस ओर इशारा करते हैं कि हमलावर पूरी तैयारी के साथ आए थे.
दहशत में अल्पसंख्यक समाज
भले ही पुलिस इसे आपराधिक गुटों की आपसी रंजिश बता रही हो, लेकिन स्थानीय हिंदू समाज में दहशत का माहौल है. इससे पहले 18 दिसंबर को दीपू नाम के युवक को कट्टरपंथियों ने ईशनिंदा का आरोप लगाकर मौत के घाट उतार दिया था. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया है और जांच जारी है.
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