हवाई अड्डे पर धमाके के बाद चिकित्सकीय सुविधाएं पहुंचाई गईं (रॉयटर्स फोटो)
इस्तांबुल:
तुर्की के शहर इस्तांबुल के अतातुर्क अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुए बम धमाके में मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है, जबकि 230 से अधिक लोग घायल हैं। तुर्की के पीएम के मुताबिक, शुरुआती जांच में पता चला है कि हमले में शामिल रहे तीनों आतंकियों ने खुद को धमाका कर उड़ा लिया।
फिलहाल किसी संगठन ने नहीं ली जिम्मेदारी
अभी तक किसी संगठन ने हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इसके पीछे आईएस के आतंकियों पर शक़ जताया जा रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति ने इस हमले के बाद आतंकवाद के ख़िलाफ़ एक अंतरराष्ट्रीय मुहिम शुरू करने की अपील की है। तुर्की में जनवरी से अब तक 6 बड़े आतंकी हमले हुए हैं जिसमें आम लोगों के साथ साथ सैनिकों को भी निशाना बनाया गया है।
हालिया जानकारी के मुताबिक, मरने वालों में कोई भारतीय शामिल नहीं है।
अंकारा में भारतीय दूतावास में हेल्पलाइन नंबर- 05303142203 अतातुर्क अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रवेश द्वार की तस्वीर (रॉयटर्स फोटो)
तुर्की के प्रधानमंत्री बिनाली यिलदिरिम ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि विस्फोटों के बाद जो शुरुआती संकेत मिल रहे हैं, उससे लगता है कि इसके पीछे आतंकी संगठन आईएसआईएस का हाथ है। उन्होंने कहा कि जो सबूत मिल रहे हैं, वे इसके पीछे आईएसआईएस का हाथ होने की तरफ इशारा कर रहे हैं। न्याय मंत्री बेकिर बोजगाद ने कहा कि 147 लोग घायल हुए हैं।
मंगलवार रात करीब 10 बजे एयरपोर्ट टर्मिनल के प्रवेश द्वार के निकट गोलीबारी शुरू की
इससे पहले तुर्की के सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक स्थानीय समयानुसार मंगलवार रात करीब 10 बजे एयरपोर्ट टर्मिनल के प्रवेश द्वार के निकट हमलावरों ने सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी शुरू कर दी। इससे दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई और उसके बाद एक-एक कर आत्मघाती बम विस्फोट में खुद को उड़ा दिया। हमले के बाद राष्ट्रपति रेकेप तैयप एर्डोगन ने आतंक के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय 'संयुक्त मुहिम' का आहवान किया। अतातुर्क अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर धमाके के बाद फोरेंसिक पुलिस मौके पर पहुंची... (एएफपी फोटो)
एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द की गईं...
हमले की तात्कालिक रूप से किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। घटना के बाद तुर्की के इस सबसे व्यस्त एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। इस्तांबुल के गवर्नर वासिप साहिन ने कहा कि तीन आत्मघाती हमलावरों ने इस घटना को अंजाम दिया।
सोशल मीडिया पर शेयर हो रही फुटेज, दिख रहीं हमलावरों की गतिविधियां
सोशल मीडिया पर चल रहे सुरक्षा कैमरों के फुटेज से दो बम धमाके के वीडियो क्लिप मंजर की भयावहता को प्रकट कर रहे हैं। एक क्लिप में टर्मिनल बिल्डिंग के प्रवेश द्वार के निकट एक बड़ा आग का गोला उठते हुए देखा किया। उसके बाद यात्रियों को इधर-उधर भागते हुए देखा गया।
दूसरे वीडियो में एक काले कपड़े पहने हमलावर को बिल्डिंग के भीतर भागने की कोशिश करते देखा गया लेकिन उससे पहले ही सुरक्षाकर्मियों की गोलियों के चलते गिर पड़ा और उसने खुद को उड़ा दिया। प्रत्यक्षदर्शी बम धमाकों के बाद दहशत के पलों के बारे में बता रहे हैं, जबकि सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो क्लिप की तस्वीरों में यात्रियों की बदहवासी के आलम को देखा जा सकता है। हमले के बाद फर्श पर पड़ा दिखी बंदूक... (रॉयटर्स)
एक प्रत्यक्षदर्शी ने सीएनएन तुर्क को बताया, 'वह बहुत तेज धमाका था। हर आदमी दहशत में था और सभी चारों तरफ भागने लगे थे।' सुरक्षाकर्मियों को यात्रियों को एयरपोर्ट से सुरक्षित निकालने का प्रबंध करते देखा गया। पुलिस ने घटनास्थल के चारों तरफ सुरक्षा चक्र का घेरा बना दिया है और सैकड़ों एंबुलेंस को वहां भेजा गया है।
हमले के बाद एयरपोर्ट और आसपास के इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई... (रॉयटर्स)
सिलसिलेवार बम धमाके...
पिछले एक साल में तुर्की में इस तरह के कई आत्मघाती बम विस्फोट हुए हैं। इनमें कुर्द विद्रोहियों और आतंकी संगठन आईएसआईएस का हाथ होने की आशंका जाहिर की जाती रही है। आईएसआईएस पर इसलिए भी शक की सुई घूम रही है क्योंकि इसी मार्च में ब्रुसेल्स एयरपोर्ट और शहर के मेट्रो स्टेशन पर भी कमोबेश उसने इसी तरह के हमले किए थे, जिनमें 32 लोगों की जानें गई थीं।
(एजेंसियों से भी इनपुट)
फिलहाल किसी संगठन ने नहीं ली जिम्मेदारी
अभी तक किसी संगठन ने हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इसके पीछे आईएस के आतंकियों पर शक़ जताया जा रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति ने इस हमले के बाद आतंकवाद के ख़िलाफ़ एक अंतरराष्ट्रीय मुहिम शुरू करने की अपील की है। तुर्की में जनवरी से अब तक 6 बड़े आतंकी हमले हुए हैं जिसमें आम लोगों के साथ साथ सैनिकों को भी निशाना बनाया गया है।
हालिया जानकारी के मुताबिक, मरने वालों में कोई भारतीय शामिल नहीं है।
अंकारा में भारतीय दूतावास में हेल्पलाइन नंबर- 05303142203
तुर्की के प्रधानमंत्री बिनाली यिलदिरिम ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि विस्फोटों के बाद जो शुरुआती संकेत मिल रहे हैं, उससे लगता है कि इसके पीछे आतंकी संगठन आईएसआईएस का हाथ है। उन्होंने कहा कि जो सबूत मिल रहे हैं, वे इसके पीछे आईएसआईएस का हाथ होने की तरफ इशारा कर रहे हैं। न्याय मंत्री बेकिर बोजगाद ने कहा कि 147 लोग घायल हुए हैं।
मंगलवार रात करीब 10 बजे एयरपोर्ट टर्मिनल के प्रवेश द्वार के निकट गोलीबारी शुरू की
इससे पहले तुर्की के सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक स्थानीय समयानुसार मंगलवार रात करीब 10 बजे एयरपोर्ट टर्मिनल के प्रवेश द्वार के निकट हमलावरों ने सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी शुरू कर दी। इससे दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई और उसके बाद एक-एक कर आत्मघाती बम विस्फोट में खुद को उड़ा दिया। हमले के बाद राष्ट्रपति रेकेप तैयप एर्डोगन ने आतंक के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय 'संयुक्त मुहिम' का आहवान किया।
एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द की गईं...
हमले की तात्कालिक रूप से किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। घटना के बाद तुर्की के इस सबसे व्यस्त एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। इस्तांबुल के गवर्नर वासिप साहिन ने कहा कि तीन आत्मघाती हमलावरों ने इस घटना को अंजाम दिया।
सोशल मीडिया पर शेयर हो रही फुटेज, दिख रहीं हमलावरों की गतिविधियां
सोशल मीडिया पर चल रहे सुरक्षा कैमरों के फुटेज से दो बम धमाके के वीडियो क्लिप मंजर की भयावहता को प्रकट कर रहे हैं। एक क्लिप में टर्मिनल बिल्डिंग के प्रवेश द्वार के निकट एक बड़ा आग का गोला उठते हुए देखा किया। उसके बाद यात्रियों को इधर-उधर भागते हुए देखा गया।
दूसरे वीडियो में एक काले कपड़े पहने हमलावर को बिल्डिंग के भीतर भागने की कोशिश करते देखा गया लेकिन उससे पहले ही सुरक्षाकर्मियों की गोलियों के चलते गिर पड़ा और उसने खुद को उड़ा दिया। प्रत्यक्षदर्शी बम धमाकों के बाद दहशत के पलों के बारे में बता रहे हैं, जबकि सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो क्लिप की तस्वीरों में यात्रियों की बदहवासी के आलम को देखा जा सकता है।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने सीएनएन तुर्क को बताया, 'वह बहुत तेज धमाका था। हर आदमी दहशत में था और सभी चारों तरफ भागने लगे थे।' सुरक्षाकर्मियों को यात्रियों को एयरपोर्ट से सुरक्षित निकालने का प्रबंध करते देखा गया। पुलिस ने घटनास्थल के चारों तरफ सुरक्षा चक्र का घेरा बना दिया है और सैकड़ों एंबुलेंस को वहां भेजा गया है।
हमले के बाद एयरपोर्ट और आसपास के इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई... (रॉयटर्स)
सिलसिलेवार बम धमाके...
पिछले एक साल में तुर्की में इस तरह के कई आत्मघाती बम विस्फोट हुए हैं। इनमें कुर्द विद्रोहियों और आतंकी संगठन आईएसआईएस का हाथ होने की आशंका जाहिर की जाती रही है। आईएसआईएस पर इसलिए भी शक की सुई घूम रही है क्योंकि इसी मार्च में ब्रुसेल्स एयरपोर्ट और शहर के मेट्रो स्टेशन पर भी कमोबेश उसने इसी तरह के हमले किए थे, जिनमें 32 लोगों की जानें गई थीं।
(एजेंसियों से भी इनपुट)
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