भारतीय वायुसेना (IAF) ने सोमवार देर रात पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कैंप को ध्वस्त (Air Strike On Terrorist Camp) कर दिया. इस काम को वायुसेना (indian Air Force) के मिराज 2000 के जरिए अंजाम दिया गया. सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस हमले में तकरीबन 300 आतंकी मारे गए हैं. बता दें कि पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के भूकंप के जोखिम वाले बालाकोट शहर के निवासियों ने मंगलवार को बताया कि जब भारतीय वायुसेना के विमान आतंकी अड्डों को तबाह कर रहे थे तो उनकी नींद 'बड़े धमाके की आवाज' से खुली और वह समझे की क्षेत्र में जलजला आया है.
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बालाकोट पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम क्षेत्र के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित है. 2005 में कश्मीर में आए भूकंप के कारण यह तबाह हो गया था और सऊदी अरब की सहायता से इसे फिर से बनाया गया है. पहाड़ी शहर के निवासियों ने 'बीबीसी उर्दू' से कहा कि उनकी आंखें तेज धमाकों की आवाजों से खुली. बालाकोट के पास के कई शहरों के निवासियों ने कहा कि उन्होंने धमाकों की आवाजें सुनी. जाबा गांव में किसान मोहम्मद आदिल ने बताया कि उनकी और उनके परिवार की आंख देर रात 3 बजे एक बड़े धमाके की आवाज से खुली. उन्होंने बताया कि उन्हें लगा कि क्षेत्र में भूकंप आया है. आदिल के मुताबिक, 'फिर हमें विमानों की उड़ने की आवाज आई.
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बता दें कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उनकी कमर तोड़ दी है. भारतीय वायुसेना (indian air force) ने पीओके के आतंकी कैंप पर सोमवार देर रात (Air strike on Terrorist Camp) हवाई हमला किया और उसके सारे कैम्पों को तबाह कर दिया. सरकारी सूत्रों के अनुसार वायुसेना की इस बड़ी कार्रवाई में करीब 300 आतंकवादी मारे गए हैं और इसमें जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर का बहनोई यूसुफ अज़हर भी मारा गया है जो यह कैंप चला रहा था. भारतीय वायुसेना को इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने में 12 मिराज फाइटर जेट का सहारा लेना पड़ा. इतना ही नहीं, करीब 1000 किलो बम भी बरसाए गए. भारतीय वायुसेना के इस कार्रवाई का सभी राजनीतिक पार्टियों ने स्वागत किया है और सेना को बधाई दी है. हालांकि पाकिस्तान ने इस कार्रवाई के बाद एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई, जिसमें हालात को लेकर चर्चा की गई.
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विदेश सचिव ने हमले की पुष्टि की
भारतीय वायुसेना द्वारा पीओके में स्थित आतंकी कैंपों पर हमले की खबरों की पुष्टि करते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने एक प्रेस वार्ता की. उन्होंने बताया कि खुफिया जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद भारत में फिर फिदायीन आतंकवादी हमलों की साज़िश रच रहा है, इसलिए उसे रोकने के लिए हमला करना ज़रूरी हो गया था. उन्होंने बताया, "बालाकोट का कैम्प जैश-ए-मोहम्मद का सबसे बड़ा कैम्प था... इसे जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर का बहनोई यूसुफ अज़हर संचालित कर रहा था, जो मारा गया है... ऑपरेशन का निशाना खासतौर से आतंकी अड्डे को बनाया गया था, ताकि नागरिकों को नुकसान न हो..." उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन पूरी तरह आतंकियों के खिलाफ था, न की कोई मीलिट्री ऑपरेशन.
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हमले की खबरों के बीच बैठक
आतंकी कैंप पर हमले की खबरों के बीच प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार सुबह 9:30 बजे केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में PM व गृहमंत्री के अलावा विदेशमंत्री सुषमा स्वराज, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, वित्तमंत्री अरुण जेटली तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोवाल भी शामिल थे. इस बैठक में हमले के बाद के हालात को लेकर चर्चा की गई.
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(इनपुट: भाषा)
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