वाशिंगटन:
2006 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में छह महीने रहकर रिकॉर्ड बनाने वाली भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक सुनीता विलियम्स दूसरी बार अंतरिक्ष की लंबी यात्रा पर रवाना हो गई हैं।
46 वर्षीय सुनीता दो अन्य साथियों - रूसी संघीय अंतरिक्ष एजेंसी के फ्लाइट इंजीनियर यूरी मालेन्चेंको और जापान के अंतरिक्ष अन्वेषण एजेंसी के अकिहिको होशिदे के साथ कजाकिस्तान के बेकनूर से रविवार सुबह भारतीय समय अनुसार आठ बजकर 10 मिनट पर रवाना हुईं।
सोयूज टीएमए-05 एम अंतरिक्ष यान मंगलवार को जब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ेगा, तो तीन सदस्यीय चालक दल आईएसएस पर मौजूद 'एक्सपेडिसन 32' के सदस्यों से मिलेगा। नासा के मुताबिक फ्लाइट इंजीनियर सुनीता विलिम्स, उनके सहयोगी इस अत्यधिक व्यस्त अभियान के दौरान दो बार अंतरिक्ष में चहलकदमी करेंगे और कई वैज्ञानिक अनुसंधान करेंगे।
सुनीता विलियम्स के पिता गुजरात के रहने वाले हैं और 1998 में नासा ने उन्हें भावी अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना था। सुनीता को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के एक्सपेडिसन 14 के लिए चुना गया था और इसके बाद वह एक्सपेडिसन 15 में भी शामिल हुईं। उन्होंने महिला अंतरिक्षयात्रियों द्वारा अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय (195 दिन) तक रहने का रिकॉर्ड कायम किया।
सुनीता ने फ्लोरिडा तकनीकी संस्थान से 1995 में मास्टर की डिग्री हासिल की थी। अंतरिक्ष में सुनीता एक्सपेडिसन 33 की कमांडर होंगी और लंदन ओलंपिक खेलों को देखते हुए परिक्रमा पथ में ही एक खेल कार्यक्रम आयोजित करेंगी। सुनीता ने हाल ही में कहा था, मैं अंतरिक्ष स्टेशन में पूरी क्षमता देखने को लेकर बहुत आशान्वित हूं। यह एक खास अनुभव है।
46 वर्षीय सुनीता दो अन्य साथियों - रूसी संघीय अंतरिक्ष एजेंसी के फ्लाइट इंजीनियर यूरी मालेन्चेंको और जापान के अंतरिक्ष अन्वेषण एजेंसी के अकिहिको होशिदे के साथ कजाकिस्तान के बेकनूर से रविवार सुबह भारतीय समय अनुसार आठ बजकर 10 मिनट पर रवाना हुईं।
सोयूज टीएमए-05 एम अंतरिक्ष यान मंगलवार को जब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ेगा, तो तीन सदस्यीय चालक दल आईएसएस पर मौजूद 'एक्सपेडिसन 32' के सदस्यों से मिलेगा। नासा के मुताबिक फ्लाइट इंजीनियर सुनीता विलिम्स, उनके सहयोगी इस अत्यधिक व्यस्त अभियान के दौरान दो बार अंतरिक्ष में चहलकदमी करेंगे और कई वैज्ञानिक अनुसंधान करेंगे।
सुनीता विलियम्स के पिता गुजरात के रहने वाले हैं और 1998 में नासा ने उन्हें भावी अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना था। सुनीता को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के एक्सपेडिसन 14 के लिए चुना गया था और इसके बाद वह एक्सपेडिसन 15 में भी शामिल हुईं। उन्होंने महिला अंतरिक्षयात्रियों द्वारा अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय (195 दिन) तक रहने का रिकॉर्ड कायम किया।
सुनीता ने फ्लोरिडा तकनीकी संस्थान से 1995 में मास्टर की डिग्री हासिल की थी। अंतरिक्ष में सुनीता एक्सपेडिसन 33 की कमांडर होंगी और लंदन ओलंपिक खेलों को देखते हुए परिक्रमा पथ में ही एक खेल कार्यक्रम आयोजित करेंगी। सुनीता ने हाल ही में कहा था, मैं अंतरिक्ष स्टेशन में पूरी क्षमता देखने को लेकर बहुत आशान्वित हूं। यह एक खास अनुभव है।
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