श्रीलंका सरकार ने लिट्टे विद्रोहियों को श्रद्धांजलि देने की कोशिशों पर सोमवार को प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि चरमपंथियों को महिमा मंडित करने का कोई भी कदम गैर-कानूनी होगा।
सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर रूवान वनीगासूर्या उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिनके तहत कहा गया था कि कुछ तत्व लिट्टे का नायक दिवस मनाने की कोशिश कर सकते हैं जो सालाना 26 नवंबर को मनाया जाता था। वनीगासूर्या ने एक बयान में कहा कि श्रीलंका में अलगाववादी विचारधारा को मीडिया के जरिये प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से बढ़ावा देना और प्रतिबंधित संगठन से जुड़े चरमपंथियों को श्रद्धांजलि देना या महिमा मंडित करना गैर-कानूनी होगा।
लिट्टे के प्रमुख रहे वेलुपिल्लई प्रभाकरण का जन्म दिवस भी 26 नवंबर को ही है। साथ ही संगठन के प्रथम लड़ाकू कैडेट की मृत्यु 1982 में इसी तारीख को हुई थी।
लिट्टे के समय में जब वे उत्तर और पूर्वी हिस्से में समानांतर प्रशासन चलाते थे, उस वक्त 26 नवंबर को नायक दिवस समारोह के तौर पर मनाया जाता था। वहीं, 2009 में लिट्टे की शिकस्त के बाद ऐसा कोई समारोह नहीं हुआ है।
पिछले साल सेना ने जाफना विश्वविद्यालय के कई छात्रों को कथित तौर पर 26 नवंबर को समारोह मनाने को लेकर गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था।
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