Sri Lanka Crisis : संकटग्रस्त देश को आज मिलेगा नया राष्ट्रपति (File Photo)
श्रीलंका (Sri Lanka) में आज हो रहे नए राष्ट्रपति के चुनाव (New President Election) के लिए राजपक्षे (Rajapaksa) परिवार के दबदबे वाली SLPP पार्टी का समर्थन कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickramsinghe) को प्राप्त है. श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में SLPP बहुमत में है. रानिल विक्रमसिंघे ने देश में आपातकाल लगा दिया है.
ये हैं इस खबर से जुड़ी 10 प्रमुख बातें
- विश्लेषकों का कहना है कि इस रेस में सबसे आगे रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickramsinghe) हैं जो छ बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं और जो गोटाबाया के इस्तीफे के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति बने थे. नए राष्ट्रपति के चुनाव में वो अपना वोट डाल चुके हैं. लेकिन प्रदर्शनकारी रानिल विक्रमसिंघे को पसंद नहीं करते हैं क्योंकि वो उन्हें गोटाबाया राजपक्षे का करीबी मानते हैं.
- गोटाबाया राजपक्षे (Gptabaya Rajapaksa) की जगह राष्ट्रपति बनने वाला उम्मीदवार त्रिपक्षीय मुकाबले में जीत कर एक ऐसे देश का प्रमुख बनेगा जो पहले ही कंगाल हो चुका है और IMF के साथ बेलआउट पैकेज के लिए बात कर रहा है. श्रीलंका में 22 मिलियन लोग खाने, ईंधन और दवाईयों की किल्लत झेल रहे हैं.
- अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बाद कई महीनों तक चले विरोध प्रदर्शन के मद्देनज़र राजपक्षे ने पिछले हफ्ते सिंगापुर से अपने इस्तीफे की घोषणा की. इससे कुछ दिन पहले नौसेना की एक टुकड़ी ने उन्हें प्रदर्शनकारियों के निशाने पर आए राष्ट्रपति भवन से बचाया था.
- राजपक्षे के श्रीलंका से भागने के बाद देश में उस राजनैतिक घराने का अंत हो गया जिसने एक समय श्रीलंका की राजनीति में दो दशक तक अपनी धाक जमाई. गोटाबाया राजपक्षे अपने भाईयों के प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के पद से हटने के बाद भी आखिर तक राष्ट्रपति पद पर बने रहे.
- विक्रमसिंघे जो 73 साल के हैं उन्हें आज होने वाले चुनाव के लिए राजपक्षे परिवार की SLPP पार्टी का समर्थन प्राप्त है. श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में SLPP बहुमत में है. रानिल विक्रमसिंघे ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर देश में आपातकाल लगा दिया है जिसमें सुरक्षा बलों और पुलिस को बड़े स्तर पर ताकत दी गई है.
- विपक्ष के सासंद ने कहा कि विक्रमसिंघे का प्रदर्शनकारियों पर सख्ती बरतना उन सांसदों को रास आ रहा है जो भीड़ की हिंसा के निशाने पर थे. इनमें से अधिकतर SLPP के नेता उनकी तरफ खड़े होंगे.
- रानिल को कानून-व्यवस्था लागू करने वाले उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है. तमिल सांसद धर्मलिंगम सीथादथान ने एएफपी को बताया. विश्लेषकों का कहना है कि अगर वो जीत जाते हैं तो वो प्रदर्शनकारियों पर और सख्ती बरतेंगे जो उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं और राजपक्षे के हितों को बचाने के आरोप लगा रहे हैं.
- उनके मुख्य विरोधियों में SLPP से असंतुष्ट और पूर्व शिक्षा मंत्री दुल्लास अलाहपपेरुमा हैं जो एक पूर्व पत्रकार हैं. इन्हें विपक्षा क समर्थन प्राप्त है. अलहापपेरुमा ने इस हफ्ते थपथ ली थी कि वो देश के इतिहास में पहली बार साझा सहमति से सरकार बनाएंगे."
- अगर वो जीतते हैं तो 63 साल के ये नेता मुख्य विपक्षी नेता साजीथ प्रेमदासा को प्रधानमंत्री नियुक्त कर सकते हैं. प्रेमदासा के दिवंगत पिता रानासिंघे ने 1980 के दशक में देश पर सख्ती से राज किया था जब अलहपपेरुमा एक अधिकार कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहे थे.
- तीसरे उम्मीदवार हैं अनुरा दिसानायके जो 53 साल के हैं. यह लेफ्टिस्ट पीपल्स लिबरेशन फ्रंट (JVP) के नेता हैं जिनके पास गठबंधन में तीन संसदीय सीट हैं.