सरकार की नीतियों का जमकर हो रहा विरोध
कोलंबो:
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में गहराए आर्थिक संकट के चलते हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 1 अप्रैल को लागू किया गया आपातकालीन नियम अध्यादेश मंगलवार की देर रात रद्द कर दिया. दरअसल, 1948 में स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका बढ़ती मुद्रास्फीति (लगभग 19 प्रतिशत) और बिगड़ती जीवन स्थितियों के चलते सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.
श्रीलंका के आर्थिक संकट से जुड़े 10 अपडेट्स
- एक गजट अधिसूचना में राष्ट्रपति राजपक्षे ने कहा कि आपातकालीन नियम अध्यादेश 5 अप्रैल की मध्यरात्रि को रद्द कर दिया जाएगा. इतना ही नहीं, उन्होंने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल को भंग कर दिया और आर्थिक संकट के चलते खाने, ईंधन की कमी और बिजली कटौती के चलते बढ़ती अशांति के कारण एकजुट होकर सरकार बनाने की मांग की.
- श्रीलंका के राष्ट्रपति ने मंगलवार को अपना बहुमत खो दिया क्योंकि उनके पूर्व सहयोगियों ने उनसे इस्तीफा देने की मांग की. 1948 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से श्रीलंका सबसे खतरनाक मंदी जूझ रहा है. जिस वजह से देशभर के लोगों को भोजन, ईंधन और अन्य आवश्यक चीजों की भारी कमी का सामना करना पड़ा रहा है.
- राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के शक्तिशाली सत्तारूढ़ गठबंधन में उथल-पुथल का माहौल है. मंगलवार को नए वित्त मंत्री ने पद ग्रहण करने के एक दिन बाद ही इस्तीफा दे दिया.
- सप्ताहांत के बाद से कई सरकारी हस्तियों के घरों में घुसने की कोशिश करने वाली भीड़ और अन्य जगहों पर बड़े प्रदर्शनों के साथ जनता का गुस्सा सातवें आसमान पर है. छात्रों को आज शाम बारिश में प्रधानमंत्री आवास की ओर मार्च करते देखा गया. जिसके बाद पुलिस ने मौके पर घेराव किया है.
- श्रीलंकाई सरकार के पास 225 सदस्यीय सदन में बहुमत में पांच विधायक कम हैं, लेकिन इस बात का कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला है कि विधायक अविश्वास प्रस्ताव का प्रयास करेंगे, जो उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर करेगा.
- सैनिकों को प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने की अनुमति देने वाले आपातकालीन कानूनों और सोमवार की सुबह समाप्त होने वाले सप्ताहांत के कर्फ्यू के बावजूद पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
- भीड़ ने कोलंबो में राष्ट्रपति भवन सहित एक दर्जन से अधिक सरकारी हस्तियों के घरों में घुसने का प्रयास किया है. वहां प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों के वाहनों में आग लगा दी. जिसके जवाब में पुलिस फोर्स ने प्रदर्शनकारियों पर रबर की गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले दागे.
- अधिकांश प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे हैं. श्रीलंका के कार्डिनल मैल्कम रंजीथ के नेतृत्व में कैथोलिक पादरियों और ननों ने राजधानी में एक जुलूस का नेतृत्व किया. रंजीथ ने कहा, "यह बुद्धिमान लोगों का एक मूल्यवान देश है. लेकिन हमारी और लोगों की समझदारी को भ्रष्टाचार के कारण अपमानित किया गया है."
- विदेशी मुद्रा की बड़ी कमी के कारण श्रीलंका को अपने 51 बिलियन डॉलर के विदेशी ऋण का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. परिणाम में अभूतपूर्व कमी देखी गई है और आर्थिक संकट समाप्त होने का कोई संकेत नहीं है.
- अर्थशास्त्रियों का कहना है कि श्रीलंका का संकट सरकारी कुप्रबंधन, वर्षों से संचित उधारी और अनुचित कर कटौती से बढ़ा है.