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This Article is From Jul 11, 2022

Sri Lanka Crisis को संभालने के लिए क्या India भेजेगा अपने सैनिक? जानें पूरा सच

Sri Lanka Crisis: श्रीलंका 1948 में ब्रिटेन से आजाद होने के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहा है. देश में विदेशी मुद्रा की भारी कमी हो गई है, जिससे वह खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है. इस कारण नौ अप्रैल से हजारों लोग श्रीलंका की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. 

Sri Lanka Crisis को संभालने के लिए क्या India भेजेगा अपने सैनिक? जानें पूरा सच
Sri Lanka अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है ( File Photo)
कोलंबो:

श्रीलंका (Sri Lanka) में भारतीय उच्चायोग ने उन खबरों का फिर से खंडन किया है, जिनमें कहा गया है कि नयी दिल्ली द्वारा कोलंबो में भारतीय सैनिक भेजे जाएंगे. इससे पहले भी ऐसी ही अफवाहें सामने आईं थीं और भारतीय उच्चायोग ने उस समय भी  इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया था कि भारत अपने सैनिकों को श्रीलंका भेजेगा. साथ ही, उच्चायोग ने कहा था कि द्वीपीय राष्ट्र के लोकतंत्र, स्थिरता तथा आर्थिक सुधार का भारत पूरी तरह से समर्थन करता है. 

देश में आर्थिक संकट के बीच सोमवार को राजनैतिक संकट झेल रहे श्रीलंका (Sri Lanka) के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajpakshe) ने आधिकारिक तौर से प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (PM Ranil Wickremesinghe) को बता दिया है कि वो 13 जुलाई को इस्तीफा दे देंगे. देश की खराब आर्थिक हालत से नाराज प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति भवन में घुसने के बाद  प्रधानमंत्री दफ्तर ने सोमवार को यह जानकारी दी.  श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे ने कहा कि वो बुधवार को इस्तीफा देंगे. विरोध प्रदर्शनकारी लंबे समय से राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से इस्तीफे की मांग कर रहे थे. प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने यह भी कहा कि वो सर्वदलीय सरकार के लिए रास्ता बनाने को इस्तीफा देने के इच्छुक हैं. 

इससे पहले श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (76) ने भी ऐसे ही हालात में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद राजधानी कोलंबो में सेना के जवानों को तैनात किया गया और राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगा दिया गया था. हमले के बाद राजपक्षे के समर्थकों और उनके विरोधियों के बीच हिंसा भड़क गई थी. 

श्रीलंका 1948 में ब्रिटेन से आजाद होने के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है. देश में विदेशी मुद्रा की भारी कमी हो गई है, जिससे वह खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है. इस कारण नौ अप्रैल से हजारों लोग श्रीलंका की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. 

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