श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए धमाकों (Sri Lanka Bomb blasts) की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिल स्टेट (ISIS) ने ली है. मंगलवार को आतंकी संगठन आईएसआईएस ने अपनी 'अमाक न्यूज एजेंसी' के जरिए हमलों की जिम्मेदारी ली. हमले की जिम्मेदारी लेने के ठीक बाद एक आत्मघाती हमलावर का वीडियो भी सामने आया है. श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए सिलसिलेवार धमाकों (Sri Lanka blasts) में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 500 से अधिक लोग घायल हुए थे. आतंकी संगठन ISIS ने अपनी प्रचार संवाद समिति ‘अमाक' के मार्फत एक बयान में कहा, 'श्रीलंका में अमेरिका की अगुवाई वाले गठबंधन के सदस्यों और ईसाइयों को निशाना बना कर जिन लोगों ने हमला किया, वे इस्लामिक स्टेट समूह के लड़ाके हैं.'
बता दें कि श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर गिरजाघरों और होटलों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 10 भारतीय नागरिकों की भी मौत हो हुई थी. कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया, 'रविवार को हुए धमाकों में दो और अन्य भारतीयों ए. मारेगौड़ा और एच. पुत्ताराजू की मृत्यु की पुष्टि करते हुए दुख हो रहा है. इससे इन हमलों में मारे गए भारतीय लोगों की संख्या अब बढ़कर दस हो गई है.'
#WATCH Colombo: CCTV footage of suspected suicide bomber (carrying a backpack) walking into St Sebastian church on Easter Sunday. #SriLankaBombings (Video courtesy- Siyatha TV) pic.twitter.com/YAe089D72h
— ANI (@ANI) April 23, 2019
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बता दें कि 7 आत्मघाती हमलावरों ने इन हमलों को अंजाम दिया था. इस द्वीपीय राष्ट्र में अभी तक के ये सबसे घातक हमले थे. राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की एक बैठक के दौरान सोमवार आधी रात से आपातकाल लगाने का निर्णय भी लिया गया था.
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इससे पहले बताया गया कि न्यूजीलैंड के शहर क्राइस्टचर्च में मुस्लिमों पर हुए हमले का बदला लेने के लिए श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में धमाके किए गए हैं. यह बात शुरुआती जांच में सामने आई थी. इस बात की जानकारी श्रीलंका के उप रक्षामंत्री ने दी थी. उन्होंने कहा था, जो भी श्रीलंका में हुआ उसके पीछे क्राइस्टचर्च में मुस्लिम पर हुआ हमला है'. श्रीलंका सरकार ने कहा है कि ईस्टर के मौके पर रविवार को देश में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों की वजह से हुई विनाश की घटना कल्पना से परे थी और खुफिया जानकारी पहले मिल जाने के बावजूद देश में बड़ी संख्या में मौजूद गिरजाघरों को सुरक्षा प्रदान करना तकरीबन ‘असंभव' था. देश के रक्षा मंत्री हेमासिरी फर्नांडो ने मंगलवार को स्थानीय मीडिया से यह बात कही.
फर्नांडो ने कहा कि, ‘‘इन हमलों की जानकारी पहले मिल जाने के बाद भी गत रविवार को इतनी अधिक संख्या में मौजूद चर्चों को सुरक्षा प्रदान करना असंभव था.'' उन्होंने संडे टाइम्स से कहा कि सरकार ने कल्पना नहीं की थी कि इतने बड़े पैमाने पर हमले को अंजाम दिया जायेगा. फर्नांडो ने कहा कि देश की खुफिया एजेंसियों ने सरकार को पहले ही सूचित कर दिया था कि देश में एक छोटा लेकिन ताकतवर आपराधिक समूह सक्रिय है.
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मृतकों में सर्वाधिक भारतीय
श्रीलंका में रविवार को ईस्टर के मौके पर हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में मारे गये 33 विदेशी नागरिकों में सबसे अधिक 10 लोग भारत से हैं. श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी. मंत्रालय ने बयान में कहा कि हमले में मारे गये विदेशी नागरिकों में भारत के 10, ब्रिटेन के सात, चीन, सउदी अरब और तुर्की के दो-दो तथा फ्रांस, जापान, बांग्लादेश, नीदरलैंड और स्पेन के एक-एक नागरिक शामिल हैं. इनके अलावा दो लोग अमेरिका और ब्रिटेन की दोहरी नागरिकता वाले तथा आस्ट्रेलिया और श्रीलंका की दोहरी नागरिकता वाले दो लोग भी शामिल हैं.
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