
दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्वेन-हे के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करते लोग...
सोल:
दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में कंपकंपाती ठंड के बीच करीब 13 लाख प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को सड़क पर उतरकर भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी राष्ट्रपति पार्क ग्वेन-हे से इस्तीफा देने और ऐसा नहीं करने पर महाभियोग का सामना करने की मांग की.
प्रदर्शनकारियों ने 'पार्क ग्वेन-हे को गिरफ्तार करो' और 'पार्क को जेल में डालो' जैसे नारे लगाते हुए कैंडल मार्च किया, नाचे और गाने गाए. मुख्य रैली स्थल से लगाए जा रहे इन नारों की गूंज महज डेढ़ किलोमीटर दूर राष्ट्रपति आवास 'ब्लू हाउस' तक पहुंच रही थी.
रैली के आयोजकों की ओर से प्रदर्शनकारियों की बताई गई संख्या के हिसाब से इसे अब तक का सबसे विशाल साप्ताहिक प्रदर्शन माना जा रहा है. भ्रष्टाचार के आरोपों से राष्ट्रपति पार्क के घिरने के बाद इन प्रदर्शनों की शुरूआत सोल में करीब एक महीने पहले हुई थी.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की संख्या दो लाख 60 हजार बताई है. स्थानीय समय के मुताबिक, रात आठ बजे प्रदर्शनकारियों ने अपने-अपने कैंडल निकाले और एक मिनट बाद उसे फिर से जलाया. ऐसा एक चेतावनी के तौर पर किया गया कि उनका प्रदर्शन तब तक खत्म नहीं होगा जब तक पार्क अपने पद से इस्तीफा नहीं दे देतीं.
23 साल के छात्र ली स्यांग-चियल ने बताया, 'मैं नहीं समझता कि पार्क स्वेच्छा से पद छोड़ेंगी, लेकिन जितना संभव हो सकेगा, हम अपनी आवाज उतनी बुलंद करेंगे ताकि संसद उन पर महाभियोग चलाने को बाध्य हो जाए'. दक्षिण कोरिया में 1980 के दशक में हुए लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों के बाद इस रैली को सबसे बड़ी रैली बताया जा रहा है.
लंबे समय से करीबी सहयोगी रहे चोई सून-सिल की संलिप्तता वाला भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद पार्क सार्वजनिक तौर पर माफी मांग चुकी हैं. सून-सिल को धोखाधड़ी, अधिकारों के दुरूपयोग जैसे आरोप में गिरफ्तार भी किया जा चुका है. हालांकि, पार्क ने अपने इस्तीफे की मांगों को अब तक अनसुना किया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रदर्शनकारियों ने 'पार्क ग्वेन-हे को गिरफ्तार करो' और 'पार्क को जेल में डालो' जैसे नारे लगाते हुए कैंडल मार्च किया, नाचे और गाने गाए. मुख्य रैली स्थल से लगाए जा रहे इन नारों की गूंज महज डेढ़ किलोमीटर दूर राष्ट्रपति आवास 'ब्लू हाउस' तक पहुंच रही थी.
रैली के आयोजकों की ओर से प्रदर्शनकारियों की बताई गई संख्या के हिसाब से इसे अब तक का सबसे विशाल साप्ताहिक प्रदर्शन माना जा रहा है. भ्रष्टाचार के आरोपों से राष्ट्रपति पार्क के घिरने के बाद इन प्रदर्शनों की शुरूआत सोल में करीब एक महीने पहले हुई थी.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की संख्या दो लाख 60 हजार बताई है. स्थानीय समय के मुताबिक, रात आठ बजे प्रदर्शनकारियों ने अपने-अपने कैंडल निकाले और एक मिनट बाद उसे फिर से जलाया. ऐसा एक चेतावनी के तौर पर किया गया कि उनका प्रदर्शन तब तक खत्म नहीं होगा जब तक पार्क अपने पद से इस्तीफा नहीं दे देतीं.
23 साल के छात्र ली स्यांग-चियल ने बताया, 'मैं नहीं समझता कि पार्क स्वेच्छा से पद छोड़ेंगी, लेकिन जितना संभव हो सकेगा, हम अपनी आवाज उतनी बुलंद करेंगे ताकि संसद उन पर महाभियोग चलाने को बाध्य हो जाए'. दक्षिण कोरिया में 1980 के दशक में हुए लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों के बाद इस रैली को सबसे बड़ी रैली बताया जा रहा है.
लंबे समय से करीबी सहयोगी रहे चोई सून-सिल की संलिप्तता वाला भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद पार्क सार्वजनिक तौर पर माफी मांग चुकी हैं. सून-सिल को धोखाधड़ी, अधिकारों के दुरूपयोग जैसे आरोप में गिरफ्तार भी किया जा चुका है. हालांकि, पार्क ने अपने इस्तीफे की मांगों को अब तक अनसुना किया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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