हैम्बर्ग में संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी.
नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि संसद में जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाया था तो उनकी ही पार्टी के कुछ सदस्यों को यह पसंद नहीं आया था.
जर्मनी के हैम्बर्ग में अपने संबोधन में गांधी ने यह भी कहा कि भारत में नौकरी की बड़ी समस्या है, लेकिन प्रधानमंत्री इसे नहीं देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘समस्या का समाधान करने के लिए आपको उसे स्वीकार करना होगा.’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में नोटबंदी का फैसला किया और एमएसएमई के नकद प्रवाह को बर्बाद कर दिया, अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोग बेरोजगार हो गए.
राहुल ने कहा कि दलितों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों को अब सरकार से कोई फायदा नहीं मिलता. उनको फायदा देने वाली सारी योजनाओं का पैसा चंद बड़े कॉर्पोरेट के पास जा रहा है. बड़ी संख्या में छोटे व्यवसायों में काम करने वाले लोगों को वापस अपने गांव लौटने को मजबूर होना पड़ा. इससे लोग काफी नाराज़ हैं. लिंचिंग के बारे में जो कुछ भी हम सुनते हैं वो इसी का परिणाम है. शरणार्थियों के अपमान का कारण कामगारों के बीच नौकरियों की कमी होना है. इससे घृणा और टकराव पैदा हो रहा है. भारत में यदि हम सभी लोगों रोज़गार दे पाते हैं तो जनसंख्या अपने आप में कोई समस्या नहीं है. राहुल गांधी ने भारत और पिछले 70 वर्षों में उसकी प्रगति के बारे में भी बोला.
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संसद में पिछले महीने मोदी सरकार पर तीखे हमले करने के बाद प्रधानमंत्री को गले लगाने के वाकये का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जब संसद में मैंने प्रधनमंत्री मोदी को गले लगाया तो मेरी पार्टी के भीतर कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया.’’
उन्होंने कहा कि आपस में जुड़ी दुनिया में आपको सुनना होगा कि दूसरे क्या कह रहे हैं और वे कहां से आ रहे हैं. मैं किसी व्यक्ति से लड़ सकता हूं और उससे असहमत हो सकता हूं. लेकिन, नफरत खतरनाक चीज है.
राहुल गांधी ने अपने दिवंगत पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों के बारे में भी बोला. उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने श्रीलंका में अपने पिता के हत्यारे को मृत पड़ा देखा तो मुझे अच्छा नहीं लगा. मैंने उसमें उसके रोते हुए बच्चों को देखा.’’ उन्होंने कहा कि मैंने हिंसा को झेला है और मैं आपको बता सकता हूं कि इससे निकलने का एकमात्र तरीका है - माफ करना. और माफ़ करने के लिए आपको यह समझना होगा कि ये कहां से आ रही है. लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) प्रमुख वी प्रभाकरण राजीव गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार था. उसे श्रीलंकाई सैनिकों ने 2009 में मार गिराया था.
उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच कोई होड़ नहीं है. हो सकता है कि चीन भारत की तुलना में तेज़ी से बढ़ रहा हो, लेकिन भारत में लोग जो चाहते हैं वो व्यक्त कर सकते हैं, और यही मायने रखता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ भारत के सामरिक संबंध हैं, और हम उनके साथ लोकतंत्र जैसे कुछ विचार साझा करते हैं. लेकिन चीन बहुत तेजी से बढ़ रहा है. भारत की भूमिका इन दो शक्तियों को संतुलित करने की है.
VIDEO : राफेल, रोजगार और किसान के मुद्दों को लेकर निशाना
उन्होंने कहा कि जब मैं संसद और राजनीतिक दलों को देखता हूं, तो वहां महिला प्रतिनिधि काफी कम दिखाई देती हैं. हम महिला आरक्षण के लिए विधेयक लेकर आए हैं, लेकिन ये पूरी तरह से सामाजिक मुद्दा है. यदि हम महिलाओं को शामिल नहीं करते हैं तो देश का निर्माण नहीं कर सकते. भारतीय पुरुषों को महिलाओं को अपने बराबर देखना होगा.
जर्मनी के हैम्बर्ग में अपने संबोधन में गांधी ने यह भी कहा कि भारत में नौकरी की बड़ी समस्या है, लेकिन प्रधानमंत्री इसे नहीं देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘समस्या का समाधान करने के लिए आपको उसे स्वीकार करना होगा.’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में नोटबंदी का फैसला किया और एमएसएमई के नकद प्रवाह को बर्बाद कर दिया, अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोग बेरोजगार हो गए.
राहुल ने कहा कि दलितों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों को अब सरकार से कोई फायदा नहीं मिलता. उनको फायदा देने वाली सारी योजनाओं का पैसा चंद बड़े कॉर्पोरेट के पास जा रहा है. बड़ी संख्या में छोटे व्यवसायों में काम करने वाले लोगों को वापस अपने गांव लौटने को मजबूर होना पड़ा. इससे लोग काफी नाराज़ हैं. लिंचिंग के बारे में जो कुछ भी हम सुनते हैं वो इसी का परिणाम है. शरणार्थियों के अपमान का कारण कामगारों के बीच नौकरियों की कमी होना है. इससे घृणा और टकराव पैदा हो रहा है. भारत में यदि हम सभी लोगों रोज़गार दे पाते हैं तो जनसंख्या अपने आप में कोई समस्या नहीं है. राहुल गांधी ने भारत और पिछले 70 वर्षों में उसकी प्रगति के बारे में भी बोला.
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संसद में पिछले महीने मोदी सरकार पर तीखे हमले करने के बाद प्रधानमंत्री को गले लगाने के वाकये का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जब संसद में मैंने प्रधनमंत्री मोदी को गले लगाया तो मेरी पार्टी के भीतर कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया.’’
उन्होंने कहा कि आपस में जुड़ी दुनिया में आपको सुनना होगा कि दूसरे क्या कह रहे हैं और वे कहां से आ रहे हैं. मैं किसी व्यक्ति से लड़ सकता हूं और उससे असहमत हो सकता हूं. लेकिन, नफरत खतरनाक चीज है.
राहुल गांधी ने अपने दिवंगत पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों के बारे में भी बोला. उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने श्रीलंका में अपने पिता के हत्यारे को मृत पड़ा देखा तो मुझे अच्छा नहीं लगा. मैंने उसमें उसके रोते हुए बच्चों को देखा.’’ उन्होंने कहा कि मैंने हिंसा को झेला है और मैं आपको बता सकता हूं कि इससे निकलने का एकमात्र तरीका है - माफ करना. और माफ़ करने के लिए आपको यह समझना होगा कि ये कहां से आ रही है. लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) प्रमुख वी प्रभाकरण राजीव गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार था. उसे श्रीलंकाई सैनिकों ने 2009 में मार गिराया था.
उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच कोई होड़ नहीं है. हो सकता है कि चीन भारत की तुलना में तेज़ी से बढ़ रहा हो, लेकिन भारत में लोग जो चाहते हैं वो व्यक्त कर सकते हैं, और यही मायने रखता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ भारत के सामरिक संबंध हैं, और हम उनके साथ लोकतंत्र जैसे कुछ विचार साझा करते हैं. लेकिन चीन बहुत तेजी से बढ़ रहा है. भारत की भूमिका इन दो शक्तियों को संतुलित करने की है.
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उन्होंने कहा कि जब मैं संसद और राजनीतिक दलों को देखता हूं, तो वहां महिला प्रतिनिधि काफी कम दिखाई देती हैं. हम महिला आरक्षण के लिए विधेयक लेकर आए हैं, लेकिन ये पूरी तरह से सामाजिक मुद्दा है. यदि हम महिलाओं को शामिल नहीं करते हैं तो देश का निर्माण नहीं कर सकते. भारतीय पुरुषों को महिलाओं को अपने बराबर देखना होगा.
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