वॉशिंगटन : तुर्की में दशकों के सबसे शक्तिशाली भूकंप के बाद दृश्य बेहद भयावह है. हजारों लोगों के घर जमींदोज हो गए हैं. पीड़ितों को थोड़ा आगे ले जाते हुए, कारों की एक लाइन सनलिउर्फा के टूटे हुए शहर से उत्तर की ओर रेंगती हुई निकली. सड़क के विपरीत किनारे पर, एक व्याकुल परिवार जमादेने वाली बारिश में चला जा रहा है, रात बिताने के लिए आश्रय की तलाश में...। दक्षिण-पूर्वी तुर्की के बड़े शहरों में से एक सनलिउर्फा भूकंप से काफी प्रभावित हुआ. इस शक्तिशाली भूकंप ने ज्यादातर कुर्द क्षेत्र और पड़ोसी सीरिया में कम से कम 3,800 लोगों की जान ले ली है.
इस आपदा ने 10 प्रांतों में लगभग 3,500 इमारतों को जमींदोज कर दिया, 11,000 से अधिक लोग घायल हो गए और एक अज्ञात संख्या मलबे के नीचे फंसी हुई है. बचाव दल का ध्यान अभी सैनलीउर्फा के मुख्य मार्गों में से एक पर केंद्रित है, जहां एक सात मंजिला इमारत से जीवित बचे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं, जो मलबे के ढेर में तब्दील हो गई है.
इस प्रांत में कम से कम 30 लोगों के मारे जाने की जानकारी है, जहां 7.8-तीव्रता वाले पूर्व-सुबह के झटके और आफ्टरशॉक्स की लगातार लहरों से 200 इमारतें गिर गईं. पास में रहने वाले 20 वर्षीय सीरियाई छात्र ने कहा, "एक परिवार है जिसे मैं मलबे के नीचे जानता हूं. सुबह 11 बजे तक, मेरा दोस्त फोन का जवाब दे रहा था. लेकिन उसने अब जवाब नहीं दिया. वह नीचे है. मुझे लगता है कि उसके फोन की बैटरी खत्म हो गई है."
लेकिन यह कोई आसान काम नहीं है, उसके सामने एक सोफे के टूटे-फूटे अवशेष, धातु की टूटी हुई टांगों वाली एक कुर्सी और कुछ फटे हुए पर्दे पड़े थे, पीछे छूट गए शांत, सरल जीवन के सभी चिह्न. दर्जनों लोगों ने कंक्रीट के मलबे के बड़े हिस्से को उठाने की कोशिश की, जिससे तत्काल जीवन के संकेत मिले. वे थकावट, पीड़ा और आशा के मिश्रण से भरे मलबे में झाँकते हुए मौन विराम लेते. ओमर ने कहा कि वह और उसके दोस्त पूरी रात यहीं रहेंगे, चाहे बारिश और ठंड कुछ भी हो. "मुझे करना है," उन्होंने कहा.
तुर्की और सीरिया में आए भीषण भूकंप में अब तक चार हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. भारत समेत कई देशों ने भूकंप प्रभावित देशों की मदद के लिए हाथ मिलाया है. भारतीय प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से की गई घोषणा के कुछ घंटे बाद ही भारतीय वायु सेना के विमान के जरिए भारत ने भूकंप राहत सामग्री की पहली खेप तुर्किये रवाना कर दी. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि राहत सामग्री के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और चिकित्सा दलों को तुर्किये गणराज्य की सरकार के समन्वय से तुर्की भेजा जाएगा.
इसमें राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के विशेष खोज एचं बचाव दल शामिल हैं, जिसमें पुरुष एवं महिला कर्मी, श्वान दस्ता, चिकित्सकीय आपूर्ति, उन्नत ‘ड्रिलिंग' उपकरण और सहायता प्रयासों के लिए आवश्यक अन्य महत्वपूर्ण उपकरण शामिल हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, "भारत की मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) तैयार है. एनडीआरएफ का खोज एवं बचाव दल, प्रशिक्षित श्वान दस्ता, चिकित्सकीय आपूर्ति, 'ड्रिलिंग' मशीन और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ भूकंप राहत सामग्री की पहली खेप तुर्की के लिए रवाना."
बता दें कि सोमवार को तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने खतरनाक तबाही मचाई. आज फिर से तुर्की में 5.9 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं