- बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई गई है, जिसे उनके बेटे ने गैरकानूनी बताया
- उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार का अपनी मां की सुरक्षा के लिए धन्यवाद दिया है
- साजीब ने कहा कि बिना वैध सरकार और उचित कानूनी प्रक्रिया के शेख हसीना का प्रत्यर्पण संभव नहीं है
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (आईसीटी) की ओर से मिली मौत की सजा को लेकर उनके बेटे और अवामी लीग पार्टी के सदस्य साजीब वाजेद ने आईएएनएस से एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान उन्होंने यूनुस सरकार पर जमकर हमला बोला. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.
सजीब वाजेद ने कहा, "आईसीटी का फैसला पूरी तरह से गैरकानूनी है. यह एक मजाक है. आपके पास एक ऐसी सरकार है जो पूरी तरह से बिना चुनी हुई, गैर संवैधानिक, गैर कानूनी है. उन्होंने इस ट्रिब्यूनल के 17 जजों को हटा दिया और एक नए जज को नियुक्त किया जिसे ट्रायल बेंच का कोई अनुभव नहीं है और उसने मेरी मां के बारे में सबके सामने बहुत बुरी बातें कही हैं. वह साफ तौर पर पक्षपाती है."
शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने पीएम नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा, "मैं प्रधानमंत्री मोदी का हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा. उन्होंने मेरी मां की सुरक्षा सुनिश्चित की है. उन्होंने मेरी मां की जान बचाई है. वह एक देश के मुखिया के तौर पर उन्हें कड़ी सुरक्षा में रख रहे हैं और इसके लिए मैं भारत सरकार और भारत के लोगों का हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा."
वहीं जब शेख हसीना के प्रत्यर्पण से जुड़ा सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि किसी का प्रत्यर्पण कराने के लिए ट्रीटी के साथ कानून होना चाहिए. सबसे पहले, एक लीगल सरकार होनी चाहिए, जो ये है नहीं. दूसरा, ड्यू प्रोसेस फॉलो किया जाना चाहिए, जो फॉलो नहीं किया गया है. प्रोसेस खुद लीगल होना चाहिए और बांग्लादेश में प्रोसेस पूरी तरह से गैर कानूनी थी. इसलिए मेरी मां का प्रत्यर्पण नहीं किया जा सकता."
बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को सुनाई गई सजा और बांग्लादेश में आगामी चुनाव के बीच कनेक्शन को लेकर उन्होंने कहा, "बिल्कुल. उन्होंने जो किया है, वह यह है कि उन्होंने मेरी मां को दोषी ठहराया है. उन्होंने फिर से कानून में बदलाव किया है ताकि कोई भी जिस पर भी आरोप हो, वह चुनावों में हिस्सा न ले सके, जो कि पूरी तरह से सही प्रक्रिया का उल्लंघन है क्योंकि आप किसी को तब तक बैन नहीं कर सकते जब तक उसे दोषी न ठहराया जाए, इसीलिए उन्हें यह सजा जल्दबाजी में देनी पड़ी. उन्होंने हमारी पार्टी अवामी लीग को भी चुनावों से बैन कर दिया है. यहां कोई डेमोक्रेसी नहीं है."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं