
- सऊदी अरब का NEOM प्रोजेक्ट एक अत्याधुनिक भविष्य का शहर है जो पूरी तरह नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित होगा
- NEOM का लक्ष्य सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था को तेल पर निर्भरता से हटाकर तकनीक और पर्यटन में निवेश बढ़ाना है
- यह प्रोजेक्ट लगभग 26,500 वर्ग किलोमीटर में फैला है जो दिल्ली के क्षेत्रफल से लगभग 17 गुना बड़ा है
सऊदी अरब में भविष्य का शहर बन रहा है. एक ऐसा शहर बनाया जा रहा है जिसकी खासियत सुनकर एक बार को लगता है कि क्या सच में इंसानों ने इतनी तरक्की कर ली है कि इतने बड़े स्केल पर इतना बड़ा और मॉडर्न शहर तैयार किया जा सके. हम बात कर रहे हैं सऊदी अरब के NEOM सीटी प्रोजेक्ट की. इसे 2017 में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज ने लॉन्च किया था. यह उत्तर पश्चिम सऊदी अरब में बन रहा भविष्य का ऐसा शहर है जो 100% नवीकरणीय ऊर्जा से चलेगा. मतलब नो डीजन, नो कोयला. चलिए आपको निओम सिटी प्रोजेक्ट की विशेषताओं से लेकर उसको बनाने में आ रही परेशानियों के बारे में सबकुछ प्वाइंट्स में बताते हैं.
प्रोजेक्ट का उद्देश्य: इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा उद्देश्य यही है कि सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था को तेल पर मौजूदा निर्भरता से हटाकर उसमें विविधता लाना और पर्यटन व तकनीक में निवेश का केंद्र बनाना.
प्रोजेक्ट की लागत: लगभग 37 लाख करोड़ रुपये (500 अरब डॉलर) लेकिन इसके कई गुना बढ़ने की उम्मीद.
प्रोजेक्ट का आकार: 26,500 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ, जो दिल्ली के क्षेत्रफल से लगभग 17 गुना अधिक है.
निओम नाम क्यों पड़ा: NEOM नाम दो शब्दों से मिलकर बना है. इस नाम को क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दिया है. पहले तीन अक्षर प्राचीन ग्रीक शब्द नियो से आए हैं - जिसका अर्थ है 'नया'. 'एम' का अर्थ 'मुस्तकबल' से है, जो एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है 'भविष्य'. इसके अलावा M क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नाम का पहला अक्षर भी है.
NEOM की विशेषताएं: निओम के अंदर भी कई इनोवेटिव प्रोजेक्ट शामिल हैं. इनका नाम है- द लाइन, ऑक्सागॉन, ट्रोजेना और सिंदलाह.
1- द लाइन: 2021 में क्राउन प्रिंस द्वारा लॉन्च किया गया द लाइन इस निओम प्रोजेक्ट का सबसे अहम हिस्सा है. समुंदर के किनारे 500 मीटर ऊंची बिल्डिंग एक सीध में 170 किलोमीटर लंबाई तक बनेगी. द लाइन शहरी जीवन में एक क्रांतिकारी कॉन्सेप्ट है जो लोगों और प्रकृति को एक साथ प्राथमिकता देता है. इसमें पूरी तरह से नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित एक नया शहरी स्थिरता मॉडल बनाया गया है. यह एक लाइन में बनी बिल्डिंग का लीनियर शहर है जो अपनी 95% भूमि को प्रकृति के लिए रिजर्व करता है.

2- ऑक्सागॉन: यह एक तैरता हुआ औद्योगिक परिसर (इंडस्ट्रियल कैंपस) होगा. इसका लोकेशन रणनीतिक रूप से अहम होगा. यह लाल सागर के तट पर स्थित होगा जिसके माध्यम से दुनिया का 13% व्यापार गुजरता है. शहर में एक एकीकृत बंदरगाह, एक रसद केंद्र और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं शामिल होंगी.

3- ट्रोजेना: यह एक स्की रिसॉर्ट होगा. इसे साल भर चलने वाले ग्लोबल माउंटेन डेस्टिनेशन, आउटडोर स्कीइंग, एडवेंचर गेम्स और बेजोड़ पर्यटन अनुभव देने के लिए तैयार किया जा रहा है.

4- सिंदलाह: एक लग्जरी द्वीप होगा. सिंदलाह को द्वीप और नौका प्रेमियों के लिए एक प्रमुख लक्जरी डेस्टिनेशन के रूप में डिजाइन किया गया है. एक आकर्षक पर्यटन स्थल होगा, यह अपने विविध समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करते हुए, लाल सागर के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करेगा.

प्रोजेक्ट का लक्ष्य: 9 मिलियन से अधिक लोगों के रहने के लिए एक स्वच्छ और ग्रीन सिटी बनाना
प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति: प्रोजेक्ट को वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, और इसके पूरा होने की समयसीमा बढ़ सकती है. मार्च 2025 में आई वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, प्रोजेक्ट का पहला चरण, सिंदलाह, निर्धारित डेडालाइन से वर्षों पीछे चल रहा है. जितना बजट बनाया गया था उससे कहीं अधिक खर्च आ रहा है. सिंदलाह की शुरू में अनुमानित लागत $1.3 बिलियन थी, लेकिन लक्जरी रिसॉर्ट की कीमत बढ़कर लगभग $4 बिलियन हो गई है.
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