सऊदी अरब खशोगी की हत्या के बारे में लगातार इनकार करता आ रहा था.
नई दिल्ली:
सऊदी अरब ने दो सप्ताह से ज्यादा समय बाद, शनिवार को स्वीकार किया कि उसके आलोचक रहे पत्रकार जमाल खशोगी को इस्तांबुल स्थित उसके वाणिज्य दूतावास में मार डाला गया. खशोगी की गुमशुदगी ने सऊदी अरब को अब तक के सबसे खराब अंतरराष्ट्रीय संकट में डाल दिया था. सऊदी अरब ने उप खुफिया प्रमुख अहमद अल-असिरी और शाही दरबार के मीडिया सलाहकार साद अल-काहतानी को बर्खास्त कर दिया. ये दोनों, शहजादे मोहम्मद बिन सलमान के शीर्ष सहायक थे जो खशोगी के मामले में बढ़ते दबाव का सामना कर रहे थे.
गौरतलब है कि सऊदी अरब खशोगी की हत्या के बारे में लगातार इनकार करता आ रहा था, जिस पर उसके सबसे बड़े समर्थक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर यह साबित हुआ कि पत्रकार की हत्या हुई है तो वह उस पर प्रतिबंध लगा सकता है. इसके बाद सऊदी अरब ने यह स्वीकार किया कि खशोगी की हत्या उसके अधिकारियों के हाथों हुई है. सऊदी अरब के अटॉर्नी जनरल शेख साद-अल-मोजेब ने कहा कि दूतावास में ‘चर्चा' के तकरार में बदल जाने के बाद खशोगी की मौत हुई. उन्होंने यह नहीं बताया कि पत्रकार का शव कहां है.
अटॉर्नी जनरल ने एक बयान में कहा, ‘प्रारंभिक जांच में पता चला कि उनके और उनसे मिलने वाले लोगों के बीच इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में हुई चर्चा पहले विवाद और बाद में लड़ाई में बदल गई जिसके बाद जमाल खशोगी की मौत हो गई. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.' खशोगी की मौत की पुष्टि होने पर व्हाइट हाउस ने कहा कि वह ‘दुखी' है लेकिन उसने अपने प्रमुख सहयोगी देश के खिलाफ संभावित कार्रवाई का कोई जिक्र नहीं किया. सऊदी अरब के शहजादे के आलोचक रहे और वाशिंगटन पोस्ट में काम करने वाले खशोगी को आखिरी बार दो अक्टूबर को इस्तांबुल में अपने देश के वाणिज्य दूतावास में जाते देखा गया था.
उसके बाद से वह लापता थे. उनके लापता होने पर रहस्य बन गया था. तुर्की के अधिकारियों ने सऊदी अरब पर उनकी हत्या करने और उनके शव को ठिकाने लगा देने का आरोप लगाया था. सरकारी अभियोजक ने कहा कि मामले की जांच के संबंध में 18 लोगों को हिरासत में लिया गया है. सभी सऊदी अरब के नागरिक हैं. सरकारी मीडिया ने बताया कि सऊदी अरब के शाह ने शहजादे की अध्यक्षता में मंत्री स्तरीय समिति के गठन के आदेश दिए हैं जो देश की खुफिया एजेंसी का पुनर्गठन करेगी और ‘‘उसकी शक्तियों को सटीकता से परिभाषित करेगी.'
रियाद द्वारा, खशोगी की मौत की पुष्टि किए जाने के बाद तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन और सऊदी अरब के शाह ने टेलीफोन पर हुई बातचीत में खशोगी के मामले की जांच में सहयोग जारी रखने पर सहमति जताई. सऊदी अरब की यह स्वीकारोक्ति तब आई है जब तुर्की के अधिकारियों ने शुक्रवार को अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए इस्तांबुल शहर में एक जंगल की तलाशी ली थी.
गौरतलब है कि सऊदी अरब खशोगी की हत्या के बारे में लगातार इनकार करता आ रहा था, जिस पर उसके सबसे बड़े समर्थक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर यह साबित हुआ कि पत्रकार की हत्या हुई है तो वह उस पर प्रतिबंध लगा सकता है. इसके बाद सऊदी अरब ने यह स्वीकार किया कि खशोगी की हत्या उसके अधिकारियों के हाथों हुई है. सऊदी अरब के अटॉर्नी जनरल शेख साद-अल-मोजेब ने कहा कि दूतावास में ‘चर्चा' के तकरार में बदल जाने के बाद खशोगी की मौत हुई. उन्होंने यह नहीं बताया कि पत्रकार का शव कहां है.
अटॉर्नी जनरल ने एक बयान में कहा, ‘प्रारंभिक जांच में पता चला कि उनके और उनसे मिलने वाले लोगों के बीच इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में हुई चर्चा पहले विवाद और बाद में लड़ाई में बदल गई जिसके बाद जमाल खशोगी की मौत हो गई. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.' खशोगी की मौत की पुष्टि होने पर व्हाइट हाउस ने कहा कि वह ‘दुखी' है लेकिन उसने अपने प्रमुख सहयोगी देश के खिलाफ संभावित कार्रवाई का कोई जिक्र नहीं किया. सऊदी अरब के शहजादे के आलोचक रहे और वाशिंगटन पोस्ट में काम करने वाले खशोगी को आखिरी बार दो अक्टूबर को इस्तांबुल में अपने देश के वाणिज्य दूतावास में जाते देखा गया था.
उसके बाद से वह लापता थे. उनके लापता होने पर रहस्य बन गया था. तुर्की के अधिकारियों ने सऊदी अरब पर उनकी हत्या करने और उनके शव को ठिकाने लगा देने का आरोप लगाया था. सरकारी अभियोजक ने कहा कि मामले की जांच के संबंध में 18 लोगों को हिरासत में लिया गया है. सभी सऊदी अरब के नागरिक हैं. सरकारी मीडिया ने बताया कि सऊदी अरब के शाह ने शहजादे की अध्यक्षता में मंत्री स्तरीय समिति के गठन के आदेश दिए हैं जो देश की खुफिया एजेंसी का पुनर्गठन करेगी और ‘‘उसकी शक्तियों को सटीकता से परिभाषित करेगी.'
रियाद द्वारा, खशोगी की मौत की पुष्टि किए जाने के बाद तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन और सऊदी अरब के शाह ने टेलीफोन पर हुई बातचीत में खशोगी के मामले की जांच में सहयोग जारी रखने पर सहमति जताई. सऊदी अरब की यह स्वीकारोक्ति तब आई है जब तुर्की के अधिकारियों ने शुक्रवार को अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए इस्तांबुल शहर में एक जंगल की तलाशी ली थी.
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