भारत (India) के विदेश मंत्री एस जयशंकर (FM S Jaishakar) बंगाल की खाड़ी में बहुस्तरीय तकनीक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए बने संगठन (BIMSTEC) की बैठक में शामिल होने के लिए श्रीलंका ( Sri Lanka) पहुंच चुके हैं. यहां द्विपक्षीय संबंधों को लेकर भी बातचीत होगी. बिम्सटेक में भारत के अतिरिक्त बांग्लादेश, म्यांमा, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं. श्रीलंका, ‘बंगाल की खाड़ी बहुपक्षीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल' (BIMSTEC) समूह का वर्तमान अध्यक्ष है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च को डिजिटल माध्यम से इस शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे.
सोमवार को उन्होंने श्रीलंका (Sri Lanka) के वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे से मुलाकात की और श्रीलंका की आर्थिक स्थिति और वर्तमान विदेशी विनिमय संकट के दौरान भारत द्वारा दी गई सहायता पर चर्चा की.विदेशी विनिमय की कमी के कारण श्रीलंका एक बड़े आर्थिक और ऊर्जा संकट से गुजर रहा है. जयशंकर यहां देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय वार्ता और सात सदस्यीय बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए हैं. उन्होंने ट्वीट किया, “वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे के साथ मुलाकात कर दौरे की शुरुआत की. आर्थिक स्थिति पर भारत की सहायता पर चर्चा की. हम पड़ोसी प्रथम की नीति पर चल रहे हैं.”
जयशंकर का दौरा ऐसे समय हो रहा है जब संकट से निपटने में श्रीलंका सरकार की नाकामी के विरुद्ध लोग खुलकर बोल रहे हैं। वर्तमान आर्थिक संकट से उबारने के लिए भारत ने हाल में श्रीलंका को आर्थिक राहत पैकेज दिया था.
जयशंकर मुख्य रूप से बिम्सटेक सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां आए हैं लेकिन अधिकारियों ने बताया कि वह श्रीलंका के नेताओं के साथ सभी महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता में भाग लेंगे.
पड़ोसी देश श्रीलंका इस समय अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है.देश में इलेक्ट्रिसिटी ब्लैकआउट और जरूरी चीजों की भारी कमी के कारण प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. इस स्थिति में यहां के लोग भारत की ओर रुख कर रहे हैं. देश में आर्थिक संकट के चलते पेट्रोल और कागज जैसे सामान की किल्लत हो गई है.
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