जकार्ता:
प्रदर्शन उड़ान भर रहे रूस निर्मित एक असैनिक विमान का पर्वतीय इलाके में उड़ान भरने के दौरान आज इंडोनेशिया में हवाई यातायात नियंत्रकों से संपर्क टूट गया। विमान में 50 लोग सवार थे। विमान संभावित खरीदारों और पत्रकारों के लिए प्रदर्शन उड़ान पर था।
परिवहन मंत्रालय के प्रवक्ता बमबंग एरवान ने कहा कि पश्चिमी इंडोनेशिया स्थित इलाके के लिए तलाशी एवं बचाव दल रवाना हो रहा है। हालांकि, खराब मौसम के कारण कम से कम दो हेलिकॉप्टरों को वापस लौटने पर मजबूर होना पड़ा।
असैनिक विमान सुखोई सुपरजेट-100 ने राजधानी जकार्ता के हालिम पेरदनाकुसुम हवाई अड्डे से अपराह्न दो बजकर 21 मिनट (जीएमटी समयानुसार 7 बजकर 21 मिनट) पर उड़ान भरी। उड़ान भरने के 12 मिनट बाद ही वह राडार की पहुंच से दूर हो गया। ऐसा चालक दल के यातायात नियंत्रक से सालक पर्वत श्रेणी के निकट 3000 मीटर की उंचाई से 1800 मीटर नीचे आने की अनुमति मांगने के बाद हुआ।
राष्ट्रीय तलाश एवं बचाव एजेंसी के प्रमुख रियर मार्शल दरियात्मो ने कहा कि चालक दल के पास इस बात को स्पष्ट करने का समय नहीं था कि वे रास्ता क्यों बदलना चाहते हैं।
पर्वत के नजदीक रहने वाली एक ग्रामीण जुआंदा ने स्थानीय चैनल ‘टीवी वन’ से कहा, ‘‘मैंने अपने घर के उपर से एक बड़े विमान को गुजरते देखा।’’ उसने कहा, ‘‘यह एक ओर थोड़ा मुड़ा हुआ था और इंजन से आवाज निकल रही थी। ऐसा लगता है कि वह सलाक की ओर बढ़ रहा था लेकिन मैंने विस्फोट या कुछ भी नहीं सुना।’’ दरियात्मो ने कहा कि रूसी दूतावास के कई राजनयिक, संभावित खरीदार और पत्रकार विमान में सवार थे। यह 50 मिनट की प्रदर्शन उड़ान पर था।
यद्यपि दो हेलिकॉप्टरों को शाम तक वापस लौटना पड़ा लेकिन सैनिक, पुलिस और वायु सेना के सदस्य जमीन आधारित तलाश एवं बचाव प्रयासों में शामिल थे।
परिवहन मंत्रालय के प्रवक्ता बमबंग एरवान ने कहा कि पश्चिमी इंडोनेशिया स्थित इलाके के लिए तलाशी एवं बचाव दल रवाना हो रहा है। हालांकि, खराब मौसम के कारण कम से कम दो हेलिकॉप्टरों को वापस लौटने पर मजबूर होना पड़ा।
असैनिक विमान सुखोई सुपरजेट-100 ने राजधानी जकार्ता के हालिम पेरदनाकुसुम हवाई अड्डे से अपराह्न दो बजकर 21 मिनट (जीएमटी समयानुसार 7 बजकर 21 मिनट) पर उड़ान भरी। उड़ान भरने के 12 मिनट बाद ही वह राडार की पहुंच से दूर हो गया। ऐसा चालक दल के यातायात नियंत्रक से सालक पर्वत श्रेणी के निकट 3000 मीटर की उंचाई से 1800 मीटर नीचे आने की अनुमति मांगने के बाद हुआ।
राष्ट्रीय तलाश एवं बचाव एजेंसी के प्रमुख रियर मार्शल दरियात्मो ने कहा कि चालक दल के पास इस बात को स्पष्ट करने का समय नहीं था कि वे रास्ता क्यों बदलना चाहते हैं।
पर्वत के नजदीक रहने वाली एक ग्रामीण जुआंदा ने स्थानीय चैनल ‘टीवी वन’ से कहा, ‘‘मैंने अपने घर के उपर से एक बड़े विमान को गुजरते देखा।’’ उसने कहा, ‘‘यह एक ओर थोड़ा मुड़ा हुआ था और इंजन से आवाज निकल रही थी। ऐसा लगता है कि वह सलाक की ओर बढ़ रहा था लेकिन मैंने विस्फोट या कुछ भी नहीं सुना।’’ दरियात्मो ने कहा कि रूसी दूतावास के कई राजनयिक, संभावित खरीदार और पत्रकार विमान में सवार थे। यह 50 मिनट की प्रदर्शन उड़ान पर था।
यद्यपि दो हेलिकॉप्टरों को शाम तक वापस लौटना पड़ा लेकिन सैनिक, पुलिस और वायु सेना के सदस्य जमीन आधारित तलाश एवं बचाव प्रयासों में शामिल थे।
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