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This Article is From May 18, 2022

McDonald's का आखिरी बर्गर खाने के लिए लाइन में लगे रूसी नागरिक, युद्ध के चलते दुकान समेट रही है कंपनी

रूस में मैक डोनॉल्ड्स के बंद होने से अमेरिकी कंपनी के इतिहास का एक अध्याय समाप्त हो गया, जो तब शुरू हुआ जब उसने अमेरिकी पूंजीवाद के प्रतीक के रूप में रूस में अपने बर्गर परोसना शुरू किया था.

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McDonald's का आखिरी बर्गर खाने के लिए लाइन में लगे रूसी नागरिक, युद्ध के चलते दुकान समेट रही है कंपनी
मैकडोनॉल्ड्स आउटलेट (फाइल फोटो)
मॉस्को::

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच मंगलवार को रूसी नागरिक मास्को रेल स्टेशन में लाइन में खड़े दिखे. सभी राष्ट्र में चंद खुले मैकडॉनल्ड्स रेस्तरां के बाहर अपने संभावित आखिरी बिग मैक की खरीदारी के लिए इंतजार कर रहे थे. दरअसल, विश्व का सबसे बड़ा बर्गर चेन बीते 30 सालों बाद रूस में एक के बाद एक अपने सभी रेस्तरां को बंद कर रहा है. मैक डॉनल्ड्स उन ग्लोबल ब्रांडों में से एक बन गया है, जिसने मास्को के यूक्रेन के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद ऐसा किया है.

रियूटर्स के मुताबीक रूस में मैक डॉनल्ड्स के बंद होने से अमेरिकी कंपनी के इतिहास का एक अध्याय समाप्त हो गया, जो तब शुरू हुआ जब उसने अमेरिकी पूंजीवाद के प्रतीक के रूप में रूस में अपने बर्गर परोसना शुरू किया था. दरअसल, कंपनी ने मार्च में ही तय कर लिया था कि वो अस्थायी तौर पर राष्ट्र में अपने सारे आउटलेट को बंद कर लेगा. 

इन्हीं, आउटलेट में से एक है सेंट्रल मास्को के पुश्किन स्कॉवर स्थित आईकोनिक मैक डी आउटलेट, जिसने 31 जनवरी, 1990 में खुलने के साथ ही वैश्विक रिकॉर्ड को तोड़ दिया था. चूंकि रेस्तरां के बाहर करीब 30 हजार से अधिक लोग बिग मैक खरीदने के लिए लाइन में लगे थे, जो उस वक्त तीन रूबल में मिलता था. 

बर्गर के लिए मॉस्को के लेनिनग्रादस्की स्टेशन जहां से सेंट पीटर्सबर्ग के लिए ट्रेनें उत्तर की ओर जाती हैं के करीब स्थित रेस्तरां के पास लाइन में खड़ी 32 साल की इरिना ने कहा, " मैकडॉनल्ड्स अब कुछ स्थानों पर संचालित होता है. मुझे मैकडॉनल्ड्स की याद आती है, इसलिए जब मैं सेंट पीटर्सबर्ग जाती हूं, तो मैं यहां रुकती हूं और बर्गर जरूर खाती हूं." 

रिपोर्ट के अनुसार मैकडॉनल्ड्स ने अपने 850 रेस्तरां के 84 प्रतिशत को स्थानीय खरीदारों को बेचने का फैसला किया है. वहीं, फ्रेंचाइजी द्वारा संचालित शेष रेस्तरां का भविष्य क्या होगा ये अभी स्पष्ट नहीं है. रेस्तरां के नए मालिक मैक डी का ब्रांड, लोगो और मेन्यू प्रयोग करने के लिए अधिकृत नहीं होंगे. ऐसे में कस्टमर्स को चिंता खाने की गुणवत्ता को लेकर चिंता हो रही है.

कतार में खड़ी अला (21) ने कहा, " मैंने कल पढ़ा कि मैकडॉन्लड्स बंद होने वाला है और उसकी जगह दूसरा रेस्तरां खुलने वाला है. ऐसे में मैं तुरंत यहां पहुंची ताकि मैं अपना पसंदीदा चीज बर्गर, मिल्कशेक और चिप्स खरीद सकूं. क्या होगा अगर रिब्रांडिंग के बाद खाने की क्वालिटी बिगड़ गई."  इधर, मैक डी की जगह खुले नए रेस्तरां में भी खूब बिक्री हो रही है. फ्रेंचाइजी रोसिन्टर रेस्तरां ने मंगलवार को कहा, "मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग के मुख्य स्थानों पर हम उच्च मांग देख रहे हैं,"

बता दें कि बर्गर चेन को कोल्ड वार के तनाव को पाटने के प्रतिक के रूप में देखा गया था. वहीं, ये कई सोवियत नागरिकों के लिए पाश्चात्य खाना और संस्कृति को चखने का एक जरिया बन गया था. भले ही बर्गर की कीमत कई शहरवासियों के दैनिक बजट से कई गुना अधिक थी. बीते कुछ सालों में मैकडॉनल्ड्स रूस में सबसे किफायती और त्वरित, दोपहर के भोजन के विकल्पों में से एक बन गया है. 

बर्गर के लिए कतार में इंतजार कर रहे 45 साल के इवान टूमानॉव ने कहा कि थाड़ी देर के लिए लाइन में खड़े रहने से डरने की जरा जरूरत नहीं है, अगर किसी को याद हो कि 90 के दशक में हम कितने देर तक लाइन में खड़े रहे थे.  उन्होंने कहा, "आइए आज खुद को पश्चिम के स्वाद की याद दिलाएं."

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