प्रतीकात्मक फोटो
काहिरा:
मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह सीसी ने बुधवार को स्वीकार किया कि पिछले साल 31 अक्तूबर को रूसी यात्री विमान को आतंकवादियों ने मार गिराया था, हालांकि इससे कुछ महीने पहले उन्होंने विमान को गिराने के आईएसआईएस के दावे को खारिज किया था।
सीसी ने टेलीविजन पर दिए संबोधन में कहा कि क्या आतंकवाद का अंत हो गया? नहीं ऐसा नहीं हुआ है, लेकिन यह तभी होगा जब हम एकजुट होंगे। क्या विमान को मार गिराने के जिम्मेदार व्यक्ति का मकसद मिस्र के पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाना था? नहीं, मकसद रूस, इटली और दूसरे देशों के साथ संबंधों को नुकसान पहुंचाना था।
रूसी विमान एयरबस ए-321 को मार गिराने के बाद यह पहली बार है कि सीसी ने इस बात की पुष्टि की है कि इस घटना को आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। विमान के मलबे प्रायद्वीप में गिरे थे और इस घटना में विमान में सवार सभी 224 लोग मारे गए थे। आईएसआईएस ने विमान को मार गिराने का दावा किया था, लेकिन उस वक्त सीसी ने इसे ‘दुष्प्रचार’ करार दिया था।
सीसी ने टेलीविजन पर दिए संबोधन में कहा कि क्या आतंकवाद का अंत हो गया? नहीं ऐसा नहीं हुआ है, लेकिन यह तभी होगा जब हम एकजुट होंगे। क्या विमान को मार गिराने के जिम्मेदार व्यक्ति का मकसद मिस्र के पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाना था? नहीं, मकसद रूस, इटली और दूसरे देशों के साथ संबंधों को नुकसान पहुंचाना था।
रूसी विमान एयरबस ए-321 को मार गिराने के बाद यह पहली बार है कि सीसी ने इस बात की पुष्टि की है कि इस घटना को आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। विमान के मलबे प्रायद्वीप में गिरे थे और इस घटना में विमान में सवार सभी 224 लोग मारे गए थे। आईएसआईएस ने विमान को मार गिराने का दावा किया था, लेकिन उस वक्त सीसी ने इसे ‘दुष्प्रचार’ करार दिया था।
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