Ukraine War: यूक्रेन में "रूबल चलाने की तैयारी में रूस", रास्ते में खड़े जर्मनी और जापान

Ukraine War: दक्षिणी यूक्रेन में रूस के नियंत्रण वाले खेरसन में एक नागरिक और सैन्य प्रशासन ने कहा कि रूस आने वाले दिनों में अपनी मुद्रा को यहां जारी करने वाला है.  

Ukraine War: यूक्रेन में

Ukraine War : Russia ने दावा किया है कि उसने पूरे खेरसन इलाके पर नियंत्रण कर लिया है

एक रूसी अधिकारी (Russian Official) ने बुधवार को कहा है कि यूक्रेन (Ukraine) में स्थित रूस (Russia) के नियंत्रण वाले इलाकों में जल्द ही रूबल (Ruble) मुद्रा जारी की जाएगी. रूस ने इससे पहले कहा था कि वो जीती गई ज़मीन पर कब्ज़े की तैयारी नहीं कर रहा है. दक्षिणी यूक्रेन में रूस के नियंत्रण वाले खेरसन में एक नागरिक और सैन्य प्रशासन ने कहा कि रूस आने वाले दिनों में अपनी मुद्रा को यहां जारी करने वाला है.  किरिल स्ट्रेमोउसोव, ने कहा, "1 मई से हम इस इलाके में रूबल जारी कर देंगे." रूस की सरकारी न्यूज़ एजेंसी RIA Novosti के हवाले से यह खबर प्रकाशित की गई है. 

उन्होंने कहा कि 4 महीने का ग्रेस टाइम होगा जब यूक्रेन की मुद्रा हरिव्निया (Hryvnia) भी प्रयोग की जाएगी. इसके बाद पूरी तरह से रूबल लागू होगी.  

स्ट्रेमोउसोव की घोषणा को रूसी उच्च अधिकारियों की तरफ से मंजूरी मिलनी बाकी है.  रूस ने इससे पहले कहा था कि उसने पूरे दक्षिणी खेरसन क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है. 

रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया था कि खेरसन में "शांति का जीवन" लौट रहा है जबकि यूक्रेनी प्रेस और सोशल मीडिया में खेरसन में रूसी प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की खबरें आ रही हैं.

वहीं रॉयटर्स के अनुसार,  जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने गुरुवार को कहा कि वो दुनिया में कहीं भी ताकत से मौजूदा स्थिति बदलने को मंजूरी नहीं दे सकते.  किशिदा ने यह टिप्पणी जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ के साथ टोक्यो में हुई मीटिंग के दौरान दिए.  उन्होंने यह भी कहा कि जापान यूक्रेन को मदद करना जारी रखेगा और जर्मनी जैसे देशों के साथ सहयोग के माध्यम से रूस के खिलाफ प्रतिबंध बढाएगा 

वहीं रायटर्स के अनुसार, जर्मनी की संसद के बन्देस्टैग लोअर हाउस में गुरुवार को भारी मत से यूक्रेन को भारी हथियार देने की याचिका को सहमति मिल गई ताकि यूक्रेन रूसी हमलों का सामना कर सके.  

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इस याचिका को तीन पार्टियों के सत्ताधारी गठबंधन और विपक्षी कंज़रवेटिव पार्टियों का समर्थन प्राप्त था. यह याचिक 586 वोट से पास हुई. इसके विरोध में 100 वोट पड़े जबकि 7  सांसदों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया.