- नेशनल इंटेलिजेंस की डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने कहा कि रूस के पास यूक्रेन पर कब्जा करने की क्षमता नहीं है
- गबार्ड ने पश्चिमी मीडिया पर शांति प्रयासों को विफल करने के लिए खतरनाक नैरेटिव फैलाने का आरोप लगाया
- उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के शांति प्रयासों को कमजोर करने में डीप स्टेट और प्रोपेगेंडा मीडिया की भूमिका बताई
अमेरिका की खुफिया एजेंसी, नेशनल इंटेलिजेंस की डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने रूस पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि रूस के पास यूक्रेन को जीतने और उस पर कब्जा करने की क्षमता नहीं है, तो यूरोप पर आक्रमण करना तो दूर की बात है. उन्होंने यह बयान देते हुए पश्चिमी मीडिया के एक वर्ग पर शांति प्रयासों को पटरी से उतारने के लिए खतरनाक नैरेटिव को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में गबार्ड ने कहा, "सच्चाई यह है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का आकलन है कि रूस के पास यूक्रेन को जीतने और उस पर कब्जा करने की भी क्षमता नहीं है, यूरोप पर आक्रमण करने और उस पर कब्जा करने की बात तो दूर की बात है," उन्होंने आरोप लगाया कि इसके उलट जो दावा किया जा रहा है, जो रिपोर्ट छापी जा रही हैं, उनका इस्तेमाल "युद्ध समर्थक नीतियों" को सही ठहराने के लिए किया जा रहा है.
गबार्ड ने यूक्रेन और यूरोप में शांति लाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों को कमजोर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने इन प्रयासों को "डीप स्टेट पर युद्ध भड़काने वाले और उनके प्रोपेगेंडा मीडिया" बताया है. उन्होंने कहा कि ये समूह झूठा दावा कर रहे हैं कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां यूरोपीय यूनियन और नाटो के उस दृष्टिकोण का समर्थन करता है कि रूस का लक्ष्य यूरोप पर आक्रमण करना और उसे जीतना है.
उन्होंने लिखा, "डीप स्टेट के युद्ध समर्थक और उनके प्रोपेगेंडा मीडिया फिर से झूठा दावा करके यूक्रेन और वास्तव में यूरोप में शांति लाने के राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयासों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं कि 'अमेरिकी खुफिया समुदाय' ईयू/नाटो के दृष्टिकोण से सहमत है कि रूस का उद्देश्य यूरोप पर आक्रमण करना और उसे जीतना है." गबार्ड के अनुसार, इस तरह के दावे "उनकी युद्ध-समर्थक नीतियों के लिए समर्थन बढ़ाने के लिए किए जा रहे हैं.
इससे पहले रूस ने भी ऐसे आरोपों को खारिज कर दिया है. रूस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह पुतिन ने उन दावों को खारिज कर दिया कि रूस यूरोपीय यूनियन के देशों पर हमला करने की योजना बना रहा है. उन्होंने इसे "झूठ और बकवास" कहा और पश्चिमी राजनेताओं पर बढ़ते सैन्य खर्च को सही ठहराने के लिए डर का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था.
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