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This Article is From Jul 14, 2022

Sri Lanka संकट के लिए Russia है दोषी : Ukraine के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने इसलिए किया दावा

यूक्रेन में युद्ध (Ukraine War) के कारण 94 देशों में 1.6 बिलियन लोग वित्त, खाद्य, या ईंधन संकट में से एक में फंस गए हैं और करीब 1.2 बिलियन बेहद प्रभावित देशों में खतरे की आशंका में जी रहे हैं.  

Sri Lanka संकट के लिए Russia है दोषी  : Ukraine के राष्ट्रपति  ज़ेलेंस्की ने इसलिए किया दावा
Sri Lanka Crisis : यूक्रेन ने रूस को ठहराया जिम्मेदार
कीव:

 श्रीलंका में संकट के लिए  (Sri Lanka Crisis) यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की (Volodimir Zelensky)  रूस (Russia) को ज़िम्मेदार ठहराया है. ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस के यूक्रेन में आक्रमण की वजह से श्रीलंका और पूरे विश्व में खाद्य सामग्री और ईंधन की सप्लाई रुक गई है. ज़ेलेंस्की ने कहा यूक्रेन पर अपने आक्रमण के दौरान रूस ने "आर्थिक झटके" की नीति अपनाई. साथ ही कहा कि कई देशों में खाने और ईंधन की कमी हो गई है क्योंकि सप्लाई चेन में बाधा ने रूस के एजेंडे फायदा होता है. सियोल में एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस में श्रीलंका के संकट पर ज़ोर देते हुए ज़ेलेंस्की ने कहा कि खाद्य सामग्री और ईंधन की कीमतों में चौंकाने वाली बढ़ोतरी से सामाजिक शोषण शुरू हुआ. कोई नहीं जानता कि अब यह कैसे ख़त्म होगा."  

यूक्रेन में युद्ध के कारण 94 देशों में 1.6 बिलियन लोग वित्त, खाद्य, या ईंधन संकट में से एक में फंस गए हैं और करीब 1.2 बिलियन बेहद प्रभावित देशों में खतरे की आशंका में जी रहे हैं.  

श्रीलंका में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच श्रीलंका में अब रानिल विक्रमसिंघे अब कार्यकारी राष्ट्रपति बन गए हैं लेकिन बढ़ती हिंसा और विरोध प्रदर्शनों के कारण उन्हें अपने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.  

श्रीलंका 1948 में आजादी के बाद से अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है. कोरोना वायरस के प्रभाव ने इसे और खतरनाक बना दिया है. इससे श्रीलंका में सालों से हुआ विकास बर्बाद होने जा रहा है. खास तौर से तेल की सप्लाई की कमी के कारण स्कूल और सरकारी दफ्तरों को बंद करना पड़ा है. कृषि उत्पादन कम हो गया है और विदेश मुद्रा का भंडार लगभग खत्म हो गया है. इसके साथ ही स्थानीय मुद्रा की कीमत घटने के कारण ज़रूरी सामानों की कमी भी हो गई है.  

इसके साथ ही रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण दुनिया में भूखे सोने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. कोरोना महामारी के कारण गंभीर खाद्य असुरक्षा में जी रहे लोगों की संख्या 135 मिलियन थी. लेकिन दो साल में यह आंकड़ा 276 मिलियन पर पहुंच गया है. यूक्रेन युद्ध के प्रभाव के कारण यह आंकड़ा 323 मिलियन तक पहुंच सकता है.  

हाल ही में हुए G7 देशों के नेताओं ने रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के खाद्य सामग्री, ऊर्जा की सप्लाई और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके असर पर चर्चा की थी.  साथ ही यह भी कहा था कि यह खेमा यूक्रेन को अनाज, ईंधन और बाकी कृषि उत्पादों के उत्पादन और निर्यात में मदद करेगा. उन्होंने रूस से बिना शर्त कृषि और यातायात के ढ़ांचे पर हमले रोकने को कहा था और साथ ही काले सागर के तट से यूक्रेन के कृषि उत्पादों से लदे जहाजों के मुक्त आगमन को सुनिश्चित करने की भी मांग की थी.  

हाल ही में रूस और यूक्रेन के बीच हुए एक समझौते में काले सागर के रास्ते अनाज की सप्लाई पर लगी रुकावट खत्म होगी. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव गुटरेस ने कहा कि यह यूक्रेनी उत्पादों के सुरक्षित निर्यात की दिशा में अहम कदम होगा.  
 

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