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विभिन्न करारों के मामले में रूस को भारत द्वारा अपने नए साझेदारों के समान रखे जाने पर रूस ने गुरुवार को खुलकर अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि ये वही देश हैं जिन्होंने पूर्व में नई दिल्ली पर प्रतिबंध लगाए थे। मॉस्को की यह चिंता स्पष्टत: अमेरिका के साथ बढ़ती
रूसी राजदूत एलेक्जेंडर एम कदाकिन ने कहा, ‘‘हम सच्चाई के साथ भारत को अपना सबसे करीबी और सर्वश्रेष्ठ मित्र मानते हैं। मुश्किल से आप ऐसे किसी देश का नाम बता पाएंगे जिसने कड़े प्रतिबंधों के बावजूद तारापुर परमाणु संयंत्र के लिए दो बार परमाणु ईंधन की आपूर्ति की हो, जिसने परमाणु पनडुब्बियां पट्टे पर दी हों या विश्व की सबसे बेहतरीन ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों या पांचवीं पीढ़ी के विमान की बेमिसाल रक्षा प्रौद्योगिकियां प्रदान की हों।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे सामरिक संबंधों का भाव है। हां, यह भी कारण है जिससे रूस उस समय खुद को सहज महसूस नहीं करता जब भविष्य के करारों और निविदाओं के लिए हमें भारत द्वारा उन नए नए साझेदारों या करार मांगने वालों के समान रखा जाता है जिन्होंने भारत पर प्रतिबंध लगाए थे। आखिरकार हमारे संबंध विशेष हैं।’’
कदाकिन भारत में राजदूत के रूप में अपने 25 साल पूरे होने के अवसर पर दिल्ली स्टडी ग्रुप द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे।
दोनों देशों के बीच वृहतर सहयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमें संदेह में नहीं रहना चाहिए : इस नए विश्व में, जिसका कलेवर अलग है, हमारे दोनों देशों को एक-दूसरे की अधिक से अधिक जरूरत है।’’
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