रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. इस बीच बीती रात यूक्रेन की ओर से मॉस्को पर एक बार फिर जबदस्त ड्रोन अटैक हुआ. हालांकि, रूस का दावा है कि यूक्रेन के सभी ड्रोनों को नष्ट कर दिया है और इन हमलों में हताहत नहीं हुआ है. लेकिन इससे एक बार फिर ये सवाल उठा है कि आख़िर रूस की हवाई प्रतिरक्षा प्रणाली इसे रोकने में नाकाम क्यों हो रही है? इस बीच रूस के राष्ट्रपति ने कहा है कि वे कभी शांति पहल के ख़िलाफ़ नहीं रहे हैं.
रूस का दावा है कि रविवार देर रात मॉस्को की इमारतों के ऊपर ड्रोन से ये हमला यूक्रेन ने किया है. रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक़, हमला तीन ड्रोन से किया गया जिसमें से एक को शहर के बाहर ही गिरा दिया गया. बाक़ी दो को भी नष्ट कर दिया गया, लेकिन इससे एक व्यावसायिक इमारत को नुक्सान पहुंचा है. ये पहली बार नहीं है कि रूस ने यूक्रेन पर ड्रोन से हमले का आरोप लगाया है.
रूस पर यूक्रेन के ड्रोन हमले
- 3 मई को रूस ने दावा किया था कि यूक्रेन ने क्रेमलिन के ऊपर ड्रोन से आतंकी हमला कर राष्ट्रपति पुतिन को निशाना बनाने की कोशिश की.
- 4 जुलाई को मॉस्को के बाहरी इलाक़े में ड्रोन को मार गिरा कर रूस ने इसे भी यूक्रेन की तरफ़ से हमला क़रार दिया.
- 24 जुलाई को भी रूस ने कीव प्रशासन की तरफ़ से मॉस्को पर 2 ड्रोन के ज़रिए हमले का आरोप लगाया.
यूक्रेन, रूस की सीमा से मॉस्को की दूरी क़रीब 300 से 500 मील है. बड़ा सवाल है कि अगर इस तरह के हमले यूक्रेन की तरफ़ से किए जा रहे हैं, तो रूस की हवाई प्रतिरक्षा प्रणाली इसे रोक क्यों नहीं पा रही? एयर वाइस मार्शल (रिटायर्ड) कपिल काक कहते हैं कि मॉस्कों में जो हादसे हुए हैं, जो ड्रोन घुस आए हैं, ये कोई सरप्राइजिंग डेवेलोपमेंट नहीं हैं, क्योंकि ये कम ऊंचाई पर, कम क़ीमत पर एक तरीक़े से तेज़ रफ़्तार से बढ़ते हैं. इनको रेडार इंटरसेप्ट कर नहीं सकता है, क्योंकि ये कम ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं. इसको रेडार से पिक अप कर मार गिराना मुश्किल है. ये युद्ध का नया ज़माना है.
यूक्रेन ने रूस के ख़िलाफ़ काउंटर आफेंसिव चलाया है, लेकिन उसने अपनी तरफ़ से कभी भी ड्रोन हमलों की पुष्टि नहीं की है. उधर पुतिन ने सेंट पीटर्सबर्ग में अफ़्रीका समिट को लेकर पत्रकारों से बात करते हुए कहा है कि वे कभी भी शांति पहल के ख़िलाफ़ नहीं रहे हैं, लेकिन जब यूक्रेन की सेना बड़े पैमाने पर हमले कर रही हो, तो रूस की सेना युद्धविराम नहीं कर सकती. पुतिन ने कहा, "कोई भी पहल शांति का आधार बन सकती है. जैसे कि चीन की तरफ़ से जो पहल हुई या फिर अफ़्रीका की शांति पहल भी रूस और यूक्रेन के बीच शांति ला सकती है."
शांति के लिहाज़ से पुतिन का ये बयान काफ़ी अहम है. लेकिन रूस के हाथों अपने कई इलाक़े गंवाने वाला यूक्रेन उसे वापस पाने के लिए के लिए मोर्चा खोले हुए है. अमेरिका और यूरोप के देशों से उसे भरपूर हथियार और गोलाबारूद मिल रहे हैं. ऐसे में अपनी ज़मीन से रूस को खदेड़े बग़ैर यूक्रेन अपनी तरफ़ से रुकेगा, इसकी गुंजाइश कम ही नज़र आती है.
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