विज्ञापन
This Article is From Oct 06, 2017

रोहिंग्या संकट से ‘अस्थिर’ हो सकता है क्षेत्र : बांग्लादेशी विदेश सचिव

विदेश सचिव एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात कर चुके बांग्लादेश के विदेश सचिव शाहिदुल हक ने कहा कि म्यांमा से रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों का लगातार आगमन ‘‘प्रमुखता’’ से चर्चा में रहा और उन्होंने इस मुद्दे के सभी पहलुओं की चर्चा की.

रोहिंग्या संकट से ‘अस्थिर’ हो सकता है क्षेत्र : बांग्लादेशी विदेश सचिव
रोहिंग्या मुस्लिमों का पलायन. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
ढाका: बांग्लादेश ने कहा कि रोहिंग्या संकट अभी एक मानवीय मुद्दा है, लेकिन इसमें क्षेत्र को ‘‘अस्थिर’’ बनाने की क्षमता है. विदेश सचिव एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से कल मुलाकात कर चुके बांग्लादेश के विदेश सचिव शाहिदुल हक ने कहा कि म्यांमा से रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों का लगातार आगमन ‘‘प्रमुखता’’ से चर्चा में रहा और उन्होंने इस मुद्दे के सभी पहलुओं की चर्चा की.

हक ने म्यांमा के रखाइन प्रांत में हिंसा को ‘‘नस्ली सफाया’’ करार देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवगत करा दिया गया है कि म्यांमा किस तरह रोहिंग्या अल्पसंख्यकों के ‘‘अधिकार छीन’’ रहा है. उन्होंने यहां बांग्लादेश उच्चायोग में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘यह सिर्फ लोगों का आवागमन नहीं है बल्कि एक सुरक्षा मुद्दा भी है, जिसमें न सिर्फ म्यांमा और बांग्लादेश के इलाकों, बल्कि क्षेत्र को भी अस्थिर करने की क्षमता है.

यह भी पढ़ें : बांग्लादेश म्यांमार के साथ रोहिंग्या मुद्दा शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की कोशिश में

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की समझ साफ है कि यह समस्या म्यांमा की पैदा की हुई है और उसका हल वहीं है. बांग्लादेश चाहता है कि शरणार्थी ‘‘यथासंभव जल्द से जल्द’’ वापस जाएं.’’ म्यांमा ने बांग्लादेश से पांच लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को वापस लेने का हाल में प्रस्ताव किया था और दोनों देश उनकी वापसी के समन्वय के लिए एक कार्यसमूह का गठन करने पर सहमत हुए हैं.

बांग्लादेशी विदश सचिव ने बताया कि बांग्लादेश ने हल सुझाते हुए म्यांमा को एक लिखित प्रस्ताव दिया था जिसके बाद दोनों देशों ने एक कार्यसमूह का गठन किया.
VIDEO: रोहिंग्या संकट पर मदद को हाथ

हक ने कहा, ‘लोगों को किसी प्रक्रिया के माध्यम से उनके अपने देश भेजना एक सामान्य तरीका है. हमने प्रस्ताव दिया कि चूंकि संख्या ज्यादा है, हमें इस प्रक्रिया में अंतरराष्ट्रीय निकायों को भी शामिल करना चाहिए.’’(भाषा)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com