बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना.
ढाका:
भारत सहित दुनिया के कई देशों ने म्यांमार से रोहिंग्या मुसलमानों की दिक्कतों को लेकर अपनी अपनी चिंताओं से अवगत कराया है. ऐसे में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बार फिर म्यांमार से कहा है कि वह करीब 4,20,000 रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस ले, जो बौद्ध बहुल देश में हिंसा के कारण भाग आए हैं. मीडिया खबरों में कहा गया है कि शेख हसीना ने पिछले तीन सप्ताह से जारी नए संकट को लेकर म्यामां पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढाने का भी आह्वान किया. वह संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में शामिल होने के लिए न्यूयार्क में हैं जहां वह बांग्लादेशी कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रही थीं.
उन्होंने कल रात कहा, ‘‘हमने म्यांमार से कहा है, वे लोग आपके नागरिक हैं, आपको उन्हें वापस लेना चाहिये , उन्हें सुरक्षित रखिए, उन्हें आश्रय दीजिए, कोई दमन और प्रताड़ना नहीं होनी चाहिए.’’
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हसीना ने कहा कि बांग्लादेश राजनयिक प्रयास कर रहा है ताकि म्यामां शरणार्थियों को वापस ले.
VIDEO: रोहिंग्या मसले पर बांग्लादेश के उच्चायुक्त से बातचीत
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सरकार म्यामां आह्वान पर ध्यान नहीं दे रही है. बजाय इसके , म्यामां सीमा पर बारूदी सुरंग बिछा रहा है ताकि रोहिंग्या अपने मूल देश नहीं लौट सकें.’’ संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर इस्लामी देशों की एक बैठक में हसीना ने कहा कि रोहिंग्या लोगों को बंगाली करार देने के लिए म्यामां दुष्प्रचार कर रहा है. उन्होंने जोर दिया कि उन लोगों को म्यामां की नागरिकता दी जानी चाहिए. (भाषा की रिपोर्ट)
उन्होंने कल रात कहा, ‘‘हमने म्यांमार से कहा है, वे लोग आपके नागरिक हैं, आपको उन्हें वापस लेना चाहिये , उन्हें सुरक्षित रखिए, उन्हें आश्रय दीजिए, कोई दमन और प्रताड़ना नहीं होनी चाहिए.’’
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हसीना ने कहा कि बांग्लादेश राजनयिक प्रयास कर रहा है ताकि म्यामां शरणार्थियों को वापस ले.
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उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सरकार म्यामां आह्वान पर ध्यान नहीं दे रही है. बजाय इसके , म्यामां सीमा पर बारूदी सुरंग बिछा रहा है ताकि रोहिंग्या अपने मूल देश नहीं लौट सकें.’’ संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर इस्लामी देशों की एक बैठक में हसीना ने कहा कि रोहिंग्या लोगों को बंगाली करार देने के लिए म्यामां दुष्प्रचार कर रहा है. उन्होंने जोर दिया कि उन लोगों को म्यामां की नागरिकता दी जानी चाहिए. (भाषा की रिपोर्ट)
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