पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का फाइल फोटो...
वॉशिंगटन:
पहली बार पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे के हल को अफगानिस्तान से जोड़ते हुए कहा है कि शांति के लिए दोनों विषयों का हल जरूरी है और उन्हें अलग-अलग करके नहीं देखा जा सकता.
कश्मीर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विशेष दूत सीनेटर मुशाहिद हुसैन सैयद ने यहां कहा कि जब आप शांति की बात करते हैं तब काबुल में शांति का रास्ता कश्मीर से होकर जाता है. आप शांति को एक-दूसरे से अलग नहीं कर सकते. काबुल में शांति हो और कश्मीर जलता रहे, ऐसा नहीं होने जा रहा.
उन्होंने वॉशिंगटन स्थित थिंक टैंक स्टिमसन सेंटर में चर्चा के दौरान कहा कि आप (अमेरिका) एक व्यापक शांति समझौते की बात करते हैं, इसलिए दक्षिण एशिया के लोगों को अतीत की शत्रुता का बंधक नहीं बनने दें. उन्हें आगे बढ़ने दीजिए.
(पढ़ें- 'झूठ का पुलिंदा' फैला रहा है भारत, इसका जवाब दिया जाएगा : पाकिस्तानी सेना प्रमुख राहील शरीफ)
सैयद पाकिस्तान सीनेट की रक्षा और रक्षा उत्पाद समिति के अध्यक्ष भी हैं. उनके साथ शेजरा मनसब भी थी जो पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली की सदस्य भी हैं.
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मनसब ने कहा, 'इस बार हमारा मुख्य मुद्दा कश्मीर है और यदि मुद्दा नहीं सुलझाया जाता है तो क्षेत्र में कोई शांति स्थापित नहीं हो सकती. यह कोई आंतरिक समस्या नहीं है. अब काफी कुछ दांव पर है, हम पड़ोसी राष्ट्र हैं जो परमाणु सम्पन्न हैं इसलिए हमें कश्मीर मुद्दे पर शांति की जरूरत है और इसके बाद बाकी चीजों का हल किया जा सकता है'. उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बगैर किसी शर्त के शांति वार्ता की पेशकश की है, लेकिन भारत इसे लगातार ठुकराता रहा है'.
(भारत का दबाव काम आया, नवाज शरीफ ने सेना से आतंकियों को पनाह न देने को कहा)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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उन्होंने वॉशिंगटन स्थित थिंक टैंक स्टिमसन सेंटर में चर्चा के दौरान कहा कि आप (अमेरिका) एक व्यापक शांति समझौते की बात करते हैं, इसलिए दक्षिण एशिया के लोगों को अतीत की शत्रुता का बंधक नहीं बनने दें. उन्हें आगे बढ़ने दीजिए.
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सैयद पाकिस्तान सीनेट की रक्षा और रक्षा उत्पाद समिति के अध्यक्ष भी हैं. उनके साथ शेजरा मनसब भी थी जो पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली की सदस्य भी हैं.
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मनसब ने कहा, 'इस बार हमारा मुख्य मुद्दा कश्मीर है और यदि मुद्दा नहीं सुलझाया जाता है तो क्षेत्र में कोई शांति स्थापित नहीं हो सकती. यह कोई आंतरिक समस्या नहीं है. अब काफी कुछ दांव पर है, हम पड़ोसी राष्ट्र हैं जो परमाणु सम्पन्न हैं इसलिए हमें कश्मीर मुद्दे पर शांति की जरूरत है और इसके बाद बाकी चीजों का हल किया जा सकता है'. उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बगैर किसी शर्त के शांति वार्ता की पेशकश की है, लेकिन भारत इसे लगातार ठुकराता रहा है'.
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