ब्रिटेन (UK) के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (PM Rishi Sunak) ने सोमवार को चेतावनी दी है कि चीन (China) ब्रिटेन के "मूल्यों और हितों" को एक संस्थागत चुनौती दे रहा है. शंघाई विरोध प्रदर्शनों (Shanghai Protests) के दौरान बीबीसी पत्रकार (BBC Journalist) की तरफ से पिटाई के आरोप लगाए जाने के बाद, इस घटना की निंदा करते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने यह बयान दिया. विदेश नीति पर अपने पहले बड़े भाषण में सुनक ने कहा कि ब्रिटेन-चीन संबंधों का कथित "स्वर्णिम-युग" अब खत्म हो चुका है. ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरून इसके बड़े हिमायती थे. ऋषि सुनक ने कहा, "ब्रिटेन-चीन संबंधों के स्वर्णिम युग का विचार इस मासूम विचार पर टिका था कि व्यापार के रास्ते सामाजिक और राजनैतिक बदलाव आएंगे."
उन्होंने लंदन के लॉर्ड मेयर बैंक्वेट हॉल में कहा, ब्रिटेन को, "चीन के साथ रिश्तों के तौर-तरीकों में सुधार लाना होगा. हमने पहचाना है कि चीन हमारे मूल्यू और हितों को सोच-समझ कर चुनौती दे रहा है. जब चीन में अधिक तानाशाही बढ़ती है तो यह चुनौती और बड़ी हो जाती है. "
ऋषि सुनक ने कहा, हम चीन को वैश्विक मामलों में नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते...चाहें वो वैश्विक आर्थिक स्थिरता का मामला हो या फिर पर्यावरण बदलाव का मुद्दा. अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जापान और कई दूसरे देश भी इसे समझते हैं. तो हम एक साथ मिल कर इस तीखी प्रतिस्पर्धा से निपटेंगे जिसमें कूटनीति और बातचीत का रास्ता शामिल है."
ऋषि सुनक ने साफ किया कि उनकी सरकार हिंद-प्रशांत के सहयोगी देशों के साथ व्यापार और सुरक्षा के संबंध मज़बूत करेगी. उन्होंने कहा, इस क्षेत्र में अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को बांटा नहीं जा सकता."
सुनक का संदेश चीन के लिए उनके चुनाव प्रचार से कहीं कम सख़्त था, जब उन्होंने चीन को घरेलू और वैश्विक सुरक्षा के लिए "नंबर वन खतरा" बताया था.
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