पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान ने भारत के साथ बातचीत बहाल करने के प्रयास सहित विदेश नीति से जुड़े कई कदम उठाए हैं तथा देश के राजनयिक वर्ग को शांतिपूर्ण पड़ोस के लिए काम करना चाहिए।
शरीफ ने विदेश विभाग के एक नए खंड का उद्घाटन करते हुए यह टिप्पणी की। इस खंड को पूर्व विदेशमंत्री साहबजादा याकूब खान का नाम दिया गया है।
उन्होंने कहा, 'नीतिगत उद्देश्यों को पूरा करने के मद्देनजर हमने अफगानिस्तान के साथ संबंधों में सुधार, भारत के साथ बातचीत की बहाली, चीन के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देने, अमेरिका के साथ संबंधों को परस्पर सम्मान एवं हितों के आधार पर फिर से पटरी पर लाने, यूरोप के साथ संपर्क स्थापित करने तथा इस्लामी दुनिया के साथ एकजुटता को बढ़ाने के लिण् कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।'
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने राजनयिक वर्ग को शांतिपूर्ण और समृद्ध पड़ोस के लिए काम करना चाहिए तथा व्यापार पर ध्यान पर केंद्रित करना चाहिए। पाकिस्तान आतंकवाद से निपटने के लिए सहमति के आधार पर रूख अख्तियार करना चाहता है।
शरीफ ने कहा कि सरकार चार सूत्री एजेंडे पर ध्यान केंद्रित कर रही है जिसमें आतंकवाद को खत्म करना, अर्थव्यवस्था को बहाल करना, ऊर्जा संकट से निपटना तथा वैश्विक स्तर पर मदद लेने की बजाय व्यापार को बढ़ावा देना शामिल है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान विश्व समुदाय के साथ सहयोग करके अपने सामने खड़ी चुनौतियों से निपटेगा।
शरीफ ने कहा कि विदेश सेवा के लिए 'उत्कृष्टता की आभा' अब किसी तरह से प्रासंगिक नहीं है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र को मजबूती देना गर्व का विषय है और सरकार इससे अवगत है कि देश चरमपंथ एवं आतंकवाद तथा चुनौतीपूर्ण आर्थिक माहौल का सामना कर रहा है।
शरीफ ने कहा कि दुनिया एक गांव बन चुकी है और पाकिस्तान अब अलग-थलग रहने का जोखिम मोल नहीं ले सकता है। राजनयिकों को विश्व समुदाय तथा पड़ोसियों के साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि व्यापार को बढ़ावा दिया जा सके।
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