वाशिंगटन:
अमेरिकी सरकार शिकागो की उस अदालत के फैसले के खिलाफ अपील नहीं करेगी जिसने पाकिस्तान मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपों में दोषी नहीं पाया। इस फैसले को लेकर भारत ने निराशा जताई थी। न्याय विभाग के एक अधिकारी ने कहा, सजा सुनाने के बाद राणा अपने फैसले को दो आधार पर चुनौती दे सकता है लेकिन मुंबई मामले में उसे ज्यूरी द्वारा दोषी नहीं पाए जाने को सरकार चुनौती नहीं दे सकती। अधिकारी ने कहा, यह सामान्य बात है कि दोषी नहीं फैसले के खिलाफ सरकार को अपील से कानून रोकता है। बचाव करने वाला दोषी फैसले के लिए अपील कर सकता है। यह भारतीय कानून प्रणाली के बिल्कुल विपरीत है जहां बचाव पक्ष और सरकार दोनों अदालत के फैसले को चुनौती दे सकते हैं। शिकागो की एक अदालत ने वर्ष 2008 में मुंबई हमले के षड्यंत्र के आरोपों से राणा को बरी कर दिया था लेकिन उसे पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को सहयोग देने और डेनमार्क में हमले की योजना के मामले में दोषी पाया था। इन मामलों में उसे अधिकतम 30 वर्ष कैद की सजा हो सकती है।