काबुल:
अफगानिस्तान में सैंकड़ों लोगों ने बुधवार को सरकार की शांति परिषद के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति बुरहानुद्दीन रब्बानी की हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया। उनकी हत्या से देश में हालात के और खराब होने की आशंका पैदा हो गई है। अफगानिस्तान में 1992-96 के दौरान खूनी जंगी हालात में देश के राष्ट्रपति पद की कमान संभालने वाले और शानदार मानवाधिकार रिकार्ड के लिए विख्यात 71 वर्षीय रब्बानी की मंगलवार को एक तालिबानी आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी। यह हमलावर अपनी पगड़ी में विस्फोटक छुपाए हुए था। तालिबान की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन रब्बानी की मौत 10 साल से संघर्ष कर रहे अफगानिस्तान के शांति प्रयासों को एक करारा झटका है। देश इस्लामी उग्रवादियों और पश्चिमी बलों समर्थित अफगान सरकार के बीच झूल रहा है। राष्ट्रपति हामिद करजई, रब्बानी की हत्या के चलते न्यूयॉर्क में अपना संयुक्त राष्ट्र महासभा का दौरा बीच में ही छोड़कर बुधवार को रब्बानी के अंतिम संस्कार की तैयारियों के लिए देश लौट रहे हैं। न्यूयॉर्क में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की थी। 2001 में अमेरिका की अगुवाई में अंतरराष्ट्रीय बलों द्वारा तालिबान को सत्ता से खदेड़े जाने के बाद से रब्बानी की हत्या सबसे बड़ी राजनीतिक हत्या मानी जा रही है।
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