भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि फिजी अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के लिए क्षेत्रीय सहयोग का केंद्र बन सकता है। मोदी ने फिजी नागरिकों के लिए आगमन पर वीजा और 7.5 करोड़ डॉलर के ऋण की घोषणा की।
फिजी के संसद को संबोधित करते हुए मोदी ने डिजीटल फिजी निर्माण में मदद का भी प्रस्ताव रखा। पिछले 33 सालों में फिजी का दौरा करने वाले वह पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने फिजी के गांव, छोटे और मध्यम उद्योगों के आधुनिकीकरण और उसे सुदृढ़ बनाने के लिए 50 लाख डॉलर के अनुदान की घोषणा की।
इसके अतिरिक्त उन्होंने रारव शुगर मिल स्थित विद्युत संयंत्र को सात करोड़ डॉलर तथा चीनी उद्योग में सुधार के लिए 50 लाख डॉलर के ऋण की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने फिजी के कृषि क्षेत्र में विशेषज्ञ स्तर की मदद व सहायता तथा दुग्ध उद्योग के विकास में मदद की पेशकश की।
उन्होंने कहा कि दोनों देश मछली पालन, कपड़ा तथा जवाहरात क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा दे सकते हैं और उन्होंने कहा कि भारत फिजी में सूचना प्रौद्योगिकी का एक केंद्र स्थापित करने जा रहा है। मोदी ने कहा, हम डिजिटल फिजी निर्माण के लिए आपके साथ काम करने तथा वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी से फिजी को जोड़ने की दिशा में आपके युवाओं का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, हम फिजी को अंतरिक्ष के क्षेत्र में हमारे क्षेत्रीय सहयोग का केंद्र बनाने के लिए वैसे ही काम कर सकते हैं, जैसा कि भारत ने आसियान के साथ किया है।
भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा, आज, मैं यह प्रस्ताव रखता हूं कि हम सुशासन, आर्थिक विकास, संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदा के क्षेत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की क्षमता का दोहन करेंगे। प्रधानमंत्री ने भारत के मंगल अभियान के मद्देनजर भारतीय वैज्ञानिकों की मेजबानी करने के लिए फिजी का आभार जताया।
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