अमेरिका के अपने पांच दिन के दौरे के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गांधी मेमोरियल पहुंचे, जहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इस दौरे के हाशिए पर खड़ी रहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी वहां पहले से मौजूद थीं।
इस दौरान न्यूयॉर्क की तरह ही यहां भी भारतीय मूल के प्रवासी अमेरिकियों की उन्मुक्त भीड़ उनके साथ थी। भारतीय झंडा लहराते हुए और 'मोदी-मोदी' का नारा लगाते हुए सैकड़ों की संख्या में भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों ने डुपोंट सर्किल पहुंचने पर उन्हें शुभकामनाएं दी, जहां 16 सितंबर 2000 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया था।
प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और वहां करीब 15 मिनट रुके। यह स्थान लेक्सींगटन एवेन्यू में भारतीय दूतावास के ठीक बाहर है। उन्होंने भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों से भी बातचीत की जो उनकी एक झलक पाने के लिए सुबह से ही वहां उनका इंतजार कर रहे थे। हालांकि, उनकी संख्या न्यूयॉर्क की भीड़ जैसी तो नहीं थी पर कोलाहल वैसा ही था। वहां मौजूद कई लोगों ने मोदी की सराहना एक महान नेता के रूप में की, जिन्होंने पिछले 10 साल के नकारात्मक माहौल को खत्म कर दिया है और सकारात्मक सोच लाए हैं।
गांधी की प्रतिमा गौतम पाल ने बनाई है, जिन्होंने महात्मा गांधी, मदर टेरेसा, रविन्द्रनाथ टैगोर और अन्य जानी मानी हस्तियों की कई शानदार कांस्य प्रतिमाएं भी बनाई है। कांसे की बनी महात्मा गांधी की प्रतिमा आठ फुट आठ इंच ऊंची है। इसमें गांधी को डग भरते हुए, एक नेता के रूप में और कुछ करने का जज्बा दिखाने वाले व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है जो नमक कर के खिलाफ 1930 में किए गए उनके आंदोलन की याद दिलाता है। प्रतिमा की चौकी लाल रूबी पत्थर की है। यह खास शिला खंड कर्नाटक के इलकल खान से निकाला गया था। इसकी साज-सज्जा तमिलनाडु के होसुर में की गई।
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