प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की और रक्षा सहयोग एवं पश्चिम एशिया में इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा उत्पन्न की गई स्थिति सहित व्यापक मुद्दों पर चर्चा की।
आधे घंटे तक चली बैठक में नेतन्याहू ने मोदी को जल्द इस्राइल आने का आमंत्रण दिया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बताया कि नेतन्याहू ने याद किया कि मोदी मुख्यमंत्री के रूप में इस्राइल आए थे, लेकिन अब उन्होंने उम्मीद की कि मोदी प्रधानमंत्री के रूप में इस्राइल का दौरा करें।
अकबरुद्दीन ने कहा कि मोदी ने आमंत्रण का संज्ञान लिया है और इस पर आगे कूटनीतिक चैनलों के जरिये चर्चा की जाएगी। प्रवक्ता ने बताया कि दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग मजबूत करने के तौर तरीकों पर चर्चा की और इस्राइल ने जल प्रबंधन तथा अन्य कृषि संबंधी क्षेत्रों में विशेषज्ञता की पेशकश की।
भारत और इस्राइल के बीच काफी मजबूत संबंध हैं तथा वर्तमान में करीब छह अरब डॉलर का द्विपक्षीय कारोबार है। अकबरुद्दीन ने कहा, इनके अतिरिक्त, इन मुद्दों पर भी चर्चा हुई कि इस्राइल पश्चिम एशिया क्षेत्र में घटनाक्रमों को किस तरह से देखता है। यह पूछे जाने पर कि क्या रक्षा सौदों पर चर्चा हुई, उन्होंने कहा, हां रक्षा संबंधों के संदर्भ में चर्चा हुई और प्रधानमंत्री ने बताया कि उनका नया दृष्टिकोण ‘मेक इन इंडिया’ है।
प्रवक्ता ने कहा, उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल रक्षा क्षेत्र में इस्राइल या कोई भी अन्य देश 49 प्रतिशत तक निवेश कर सकता है और प्रधानमंत्री ने सूचना प्रौद्योगिकी तथा जल प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में कौशल साझा करने पर जोर दिया। कूटनीतिक अधिकारियों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर आज की बैठक असाधारण थी और ऐसा पिछले एक दशक में नहीं हुआ था। इससे पूर्व दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच तब मुलाकात हुई थी जब एरियल शेरोन 10 साल पहले भारत गए थे। दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया के घटनाक्रमों पर चर्चा की।
पहले एक यहूदी समूह से मिल चुके मोदी ने बैठक के दौरान यह भी उल्लेख किया कि भारत में समुदाय के प्रति कोई भेदभाव नहीं है। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अन्य वरिष्ठ अधिकारी थे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं