
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार से अपनी दो दिवसीय रूस यात्रा शुरू की जिसमें वह द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा करने तथा व्यापार, ऊर्जा एवं रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अवसर तलाशने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता करेंगे. रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मांतुरोव ने हवाई अड्डे पर मोदी की अगवानी की. मांतुरोव मोदी को हवाई अड्डे से उनके होटल तक छोड़ने उनके साथ गए.
मांतुरोव ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की रूस यात्रा के दौरान उनका भी स्वागत किया था.
यह पिछले पांच साल में मोदी की रूस की पहली यात्रा है. यह फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद उनकी पहली मॉस्को यात्रा है. यह मोदी के तीसरे कार्यकाल की पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा भी है. इससे पहले वह 2019 में रूस गए थे जहां उन्होंने सुदूर पूर्वी शहर व्लादिवोस्तक में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लिया था.
Landed in Moscow. Looking forward to further deepening the Special and Privileged Strategic Partnership between our nations, especially in futuristic areas of cooperation. Stronger ties between our nations will greatly benefit our people. pic.twitter.com/oUE1aC00EN
— Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2024
पुतिन मॉस्को में 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में मंगलवार को होने वाली वार्ता से पहले आज रात भारतीय प्रधानमंत्री के लिए निजी रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री दोनों देशों के बीच विशेष साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ महत्वपूर्ण बातचीत करेंगे. वह रूस में भारतीय समुदाय के साथ भी संवाद करेंगे.''
मॉस्को पहुंचने पर भारतीय प्रधानमंत्री को हवाई अड्डे पर ‘गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया. उनके होटल के बाहर कुछ रूसी कलाकारों ने हिंदी गीतों की धुन पर नृत्य कर उनका स्वागत किया.
मोदी ने भारत से रवाना होने से पहले अपने बयान में कहा कि भारत एक शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए सहायक की भूमिका निभाना चाहता है.
रूस में नौ जुलाई को अपनी यात्रा पूरी करने के बाद मोदी ऑस्ट्रिया के लिए रवाना होंगे. यह, विगत 40 साल से अधिक समय में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की वहां की पहली यात्रा होगी.
मोदी और पुतिन मंगलवार को 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहित विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के तरीकों पर विचार-विमर्श कर सकते हैं. मोदी-पुतिन की शिखर वार्ता में यूक्रेन संघर्ष भी प्रमुख मुद्दा रह सकता है.
मोदी ने रूस के लिए प्रस्थान करने से पहले एक बयान में कहा, ''भारत और रूस के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पिछले 10 वर्षों में और बढ़ी है, जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों से लोगों का संपर्क आदि क्षेत्र शामिल हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘मैं, मेरे मित्र राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रीय एवं वैश्विक मामलों पर दृष्टिकोण साझा करने को लेकर आशान्वित हूं.''
उन्होंने कहा, ‘‘हम शांतिपूर्ण एवं स्थिर क्षेत्र के लिए सहायोगात्मक भूमिका निभाना चाहते हैं.''
रूस के साथ अपनी ‘विशिष्ट रणनीतिक साझेदारी' का भारत पुरजोर बचाव करता रहा है और यूक्रेन संघर्ष के बावजूद संबंधों में गर्मजोशी बनी रही है.
रूस के साथ अपनी मजबूत दोस्ती को इंगित करते हुए भारत ने अभी तक यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण की निंदा नहीं की है. भारत यह कहता रहा है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह यात्रा उन्हें रूस में भारतीय मूल के लोगों से मिलने का अवसर भी प्रदान करेगी.
मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अगले तीन दिन मैं रूस और ऑस्ट्रिया में रहूंगा. ये दौरे इन देशों के साथ संबंधों को गहरा करने का एक शानदार अवसर होंगे, जिनके साथ भारत की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है.''
मोदी की मॉस्को यात्रा से पहले रूस के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि एजेंडा व्यापक होगा.
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक आधिकारिक यात्रा होगी और हमें उम्मीद है कि दोनों राष्ट्र प्रमुख अनौपचारिक रूप से भी बातचीत कर पाएंगे.''
बातचीत में मोदी आग्रह कर सकते हैं कि रूस अपनी सेना के सहायता कर्मी के तौर पर भारतीयों की भर्ती करना बंद करे और अब भी रूस की सेना में काम कर रहे लोगों की वापसी सुनिश्चित करे.
भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी में सर्वोच्च संस्थागत संवाद तंत्र है.
भारत और रूस में अभी तक बारी-बारी से 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं.
इससे पहले शिखर सम्मेलन छह दिसंबर 2021 को नयी दिल्ली में आयोजित किया गया था. इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आए थे. रूस के राष्ट्र प्रमुख के रूप में पुतिन नौ बार भारत की यात्रा कर चुके हैं.
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने आखिरी बार 16 सितंबर, 2022 को उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय वार्ता की थी.
इस दौरान मोदी ने यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के लिए पुतिन पर दबाव डालते हुए कहा था, ‘‘आज का युग युद्ध का नहीं है.''
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से, मोदी ने पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर कई बार बातचीत की है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं