नई दिल्ली:
चीन के इरादों से अब गृह मंत्रालय की नींद उड़ गई है। खबर है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए चीन और भारत में माओवादियों के बीच एक कड़ी है जो हथियारों के अलावा ट्रेनिंग भी दे रहा है। पीएलए ने झारखंड और उडीसा में ट्रेनिंग कैंप भी लगाए थे। चीन अब भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है। दिल्ली में गिरफ्तार हुए पीएलए के दो आतंकियों ने बताया कि किस तरह से वे माओवादियों की मदद कर रहे हैं। इस खुलासे से सुरक्षा तंत्र के आकाओं में हलचल मची है क्योंकि माओवादियों ने देश के 11 राज्यों में अपने पांव पसार रखे हैं। गृहमंत्रालय की चिंताएं इस बात को लेकर भी है क्योंकि चीन लेह, लद्दाख, अरुणाचल के अलावा अब पाक के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में अपनी पकड़ मजबूत करने की फिराक में लगा है। रिपोर्ट इस बात की भी है कि पीएलए ने हाल में उत्तर-पूर्व की एक आतंकी संस्था एनडीएफबी को 27 लाख रुपये इसलिए वापस किए क्योंकि म्यांमार आर्मी के सतर्क होने से उन्हें चीन से हासिल हुए हथियार नहीं पहुंचा सकी। देश में पीएलए के करीब 1500 कैडर बताए जाते हैं।