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This Article is From Apr 27, 2011

समुद्री डैकेतों से निपटने के लिए मॉरीशस ने मांगी भारत से मदद

पोर्ट लुई: गहरे समुद्र में समुद्री डैकेतों से निपटने में भारत की भूमिका की सराहना करते हुए मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने कहा है कि दोनों देशों को नौवहन सुरक्षा खतरों का मुकाबला करने और समुद्री मार्गो की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुई में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के सम्मान में आयोजित भोज के मौके पर रामगुलाम ने वर्ष 2005 के अपने भारत दौरे को याद करते हुए कहा कि उस वक्त उन्होंने समुद्री सुरक्षा में नई दिल्ली से सहयोग देने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा, कुछ दिन पहले ही, हमने आधुनिक तटीय निगरानी प्रणाली लागू की है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत हमारी सुरक्षा को मजबूत करने और जल दस्युओं के खिलाफ लड़ाई में सहयोग जारी रखेगा। भारत का सहयोग हमारे लिए महत्वपूर्ण है। रामगुलाम ने कहा कि अप्रैल, 2009 से मिल रही भारतीय नौसेना की मदद की वजह से यहां 21 कमांडो को लेकर एक सुरक्षा दस्ता तैयार किया गया है, जो समुद्री लुटेरों से लड़ेगा। इसके साथ ही इस दौरान भारतीय नौसेना छह-छह महीने के लिए अपना युद्धपोत तैनात करती रही है ताकि समुद्री सीमा में चौकसी बढ़ाई जा सके। रामगुलाम ने कहा, हिंद महासागर में स्थिरता से भारत और मॉरीशस दोनों के हित जुड़े हुए हैं। मुझे उम्मीद है कि हम आगे भी समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित करने और खतरों से निपटने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे। उन्होंने सूचित किया कि भारतीय युद्धपोतों ने हाल के महीनों में मॉरीशस के लिए कई सर्वेक्षण किये हैं। भारतीय नौसेना ने यह कार्य मुफ्त में किया। इससे पहले राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने ऐलान किया था कि दोनों देश समुद्री लूट के खिलाफ मिलकर लड़ने और हिंद महासागर में सुरक्षा बढ़ाने को प्रतिबद्ध हैं।

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समुद्री लुटेरे, मॉरीशस, भारत, Pirators, India, Mauritius