यरूशलम:
प्रतिद्वंद्वी फलस्तीनी गुट हमास और फतह अस्थायी एकता सरकार गठित करने और चुनाव कराने की सहमति पर पहुंच गए हैं और इसके साथ ही दोनों पक्षों के बीच दशकों पुरानी रंजिश समाप्त हो गई है। हालांकि इस्राइल ने इस कदम को खारिज करते हुए इसे सीमा लांघना करार दिया है। दोनों पक्षों के बीच यह सहमति कल मिस्र की मध्यस्थता में हुई और दोनों फलस्तीनी गुटों के नेताओं ने इसकी पुष्टि की। मिस्र की सरकारी संवाद समिति मीना ने बताया कि गुटों में एक सीमिति जनादेश के साथ अस्थायी सरकार के गठन तथा चुनाव की तारीख तय करने समेत सभी मुद्दों पर बातचीत के बाद सहमति बनी है। मिस्र इसके बाद अब सभी फलस्तीनी गुटों की काहिरा में एक बैठक बुलाएगा जिसमें सुलह समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। एजेंसी ने यह जानकारी दी। फलस्तीनी प्रधानमंत्री सालेम फैयाद ने समझौते का स्वागत किया है जो 18 महीनों की निर्थक वार्ता के बाद सामने आया है। उधर इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने कड़े आक्रोश के साथ इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए मांग की है कि अब्बास इस्राइल के साथ शांति या हमास के साथ शांति में से किसी एक को चुनें। नेतनयाहू ने कहा कि इस प्रकार के समझौते से हमास के लिए पश्चिमी तट पर भी नियंत्रण स्थापित करने का रास्ता साफ होगा जहां फलस्तीनी प्राधिकरण का मुख्यालय है।