
- इजरायली सेना ने वेस्ट बैंक के एक गांव में सैकड़ों ऑलिव के पेड़ उखाड़ दिए हैं.
- इजरायली बुलडोजर सेना की मौजूदगी में पेड़ उखाड़ रही है और इलाके में सुरक्षा बल भी तैनात हैं.
- स्थानीय कृषि संघ का मानना है कि इजरायल का मकसद क्षेत्र पर नियंत्रण करना और निवासियों को मजबूरन छोड़ना है.
क्या आपने कोई ऐसा भी जंग देखा है जिसमें एक देश की सेना विरोधी क्षेत्र में जाकर पेड़ उखाड़ने लगे? ठीक ऐसा ही इजरायल की सेना फिलिस्तीनी क्षेत्र वेस्ट बैंक में कर रही है जहां अब संयुक्त राष्ट्र ने भी मान लिया है कि अकाल की स्थिति है, लोग-बच्चे भूखे मर रहे हैं. न्यूज एजेंसी एएफपी के पत्रकारों के अनुसार, रविवार को इजरायली सेना की मौजूदगी में इजरायली बुलडोजरों ने वेस्ट बैंक के अल-मुगय्यिर गांव में सैकड़ों पेड़ उखाड़ दिए.
कटे हुए अधिकांश पेड़ जैतून (ऑलिव) के थे, जो वेस्ट बैंक की अर्थव्यवस्था और संस्कृति के लिए आवश्यक हैं. ये ऑलिव पेड़ लंबे समय से फिलिस्तीनी किसानों और यहां अतिक्रमण करने रहने वाले इजरायली निवासियों के बीच हिंसक झड़पों का केंद्र भी रहे हैं.

जमीन पर एएफपी के फोटोग्राफरों ने जमीन पर गिरे ऑलिव के पेड़ और गांव के आसपास की पहाड़ियों पर कई बुलडोजर चलते हुए देखे. एक बुलडोजर पर इजरायली झंडा लगा हुआ था और पास में ही इजरायली सेना की गाड़ियां खड़ी थीं.
आखिर इजरायल ऐसा क्यों कर रहा?
स्थानीय कृषि संघ का नेतृत्व करने वाले घासन अबू आलिया ने कहा, "इनका लक्ष्य नियंत्रण करना है और लोगों को क्षेत्र छोड़ने के लिए मजबूर करना है. यह सिर्फ शुरुआत है - यह पूरे वेस्ट बैंक में फैल जाएगा."
निवासियों ने कहा कि बुलडोजर गुरुवार को शुरू हुआ. एक फिलिस्तीनी एनजीओ ने बताया कि पिछले तीन दिनों में गांव में 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. घटना के बारे में पूछे जाने पर इजरायली सेना ने एएफपी को बताया कि वे मामले की जांच कर रहे हैं.
शुक्रवार को जारी एक बयान में, सेना ने कहा कि उसने इस गांव अल-मुगय्यिर से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, उस पर पास के "आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार" होने का आरोप लगाया है. 16 अगस्त को फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने बताया था कि उसी गांव में एक 18 वर्षीय व्यक्ति की इजरायली सेना ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
फिलिस्तीन की संस्कृति से कैसे जुड़ा ऑलिव?
ऑलिव या जैतून के पेड़ फिलिस्तीन के इतिहास, संस्कृति, अर्थव्यवस्था और पहचान से गहराई से जुड़े हुए हैं. वे फिलिस्तीनी लोगों के लचीलेपन (हर परिस्थिति में ढ़ल जाने), भूमि से पैतृक संबंधों का प्रतिनिधित्व करते हैं. वे विस्थापन और कब्जे के खिलाफ फिलिस्तीनी के राष्ट्रीय प्रतिरोध और दृढ़ता का प्रतीक हैं. जैतून के पेड़ों की खेती एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है, हजारों परिवार आय के लिए इस पर निर्भर हैं, और सालाना उगने वाले जैतून की फसल उत्सव और प्रतिबंधों और हमलों के खिलाफ संघर्ष, दोनों का समय है.
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