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This Article is From Oct 28, 2022

''सेना से गैर-कानूनी काम कराना चाहते थे इमरान'' : अक्सर छिपकर रहने वाले ISI Chief ने सामने आकर लगाया आरोप  

अक्सर सार्वजनिक न होने वाले और फोटो खिंचाने से भी परहेज रखने वाले आईएसआई चीफ ने अचानक एक समाचार सम्मेलन कर यह आरोप लगाया.

आईएसआई चीफ ने कहा कि इमरान खान रात के अंधेरे में सैन्य नेतृत्व से मिलकर फेवर मांगते थे.

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के चीफ (Chief) लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम ने बृहस्पतिवार को पूर्व प्रधानमंत्री सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि इमरान खान ने अपनी सरकार के लिए सेना से गैर-कानूनी काम करने को कहा था. रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान द्वारा सेना की आलोचना करने के बाद अक्सर सार्वजनिक न होने वाले और फोटो खिंचाने से भी परहेज रखने वाले आईएसआई चीफ ने अचानक एक समाचार सम्मेलन कर यह आरोप लगाया.

इससे पहले इमरान खान ने सेना पर आरोप लगाया था कि सेना ने विपक्ष के साथ साजिश रचकर उनकी सरकार को अप्रैल में हटाया था. नदीम अंजुम ने कहा कि इमरान खान सेना की आलोचना इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सेना और उसके प्रमुख ने गैर-कानूनी काम करने से मना कर दिया था. शायद ही कभी सार्वजनिक रूप से सामने आने वाले आईएसआई चीफ ने कहा कि सेना ने तय कर रखा है कि वह राजनीति के बीच में नहीं पड़ेगी. इसलिए सेना ने इमरान खान के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया.

हालांकि, नदीम ने यह नहीं बताया कि इमरान खान ने सेना से क्या करने को कहा था. इमरान खान के तहरीक-ए-इंसाफ के नेता असद उमर ने नदीम के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि सेना से कोई गैर-कानूनी काम करने का अनुरोध इमरान खान की तरफ से नहीं किया गया था.

पाकिस्तान की सेना को लंबे समय से सबसे शक्तिशाली संस्था माना जाता है. स्वतंत्रता के बाद से साढ़े सात दशकों में तीन से अधिक दशक तक सेना का शासन रहा. नागरिक सरकार होने के बाद सेना का हस्तक्षेप सुरक्षा और विदेश नीति में बना रहता है. विश्लेषकों का कहना है कि इमरान खान को प्रधानमंत्री बनाने में भी सेना का ही हाथ था. हालांकि, सरकार गिरने से पहले तक दोनों तरफ से इस बात से इंकार किया जाता रहा है.

नदीम अंजुम ने स्वीकार किया कि सेना ने अतीत में गलतियां की हैं, लेकिन अब उसने संस्थागत निर्णय लिया है कि वह राजनीति से दूर रहेगी. इमरान खान को विपक्ष ने संसद में वोटिंग के जरिए इसी अप्रैल में हरा दिया था और सत्ता में आ गए थे. इमरान खान तब से मध्यावधि चुनाव की मांग कर रहे हैं. आज से वह लाहौर से इस्लामाबाद तक विरोध मार्च की शुरूआत भी कर रहे हैं. वहीं पाकिस्तान सरकार का कहना है कि चुनाव अगले साल अक्टूबर में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगा.

आईएसआई चीफ के साथ बोलते हुए सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा कि सेना के खिलाफ लगातार गंदा अभियान चलने के कारण आईएसआई प्रमुख को सार्वजनिक रूप से सामने आकर बोलने का असाधारण कदम उठाना पड़ा. नदीम ने कहा कि इमरान खान और सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने हाल ही में आपस के तनाव को कम करने के लिए मुलाकात की थी.

आईएसआई चीफ ने कहा कि इमरान खान रात के अंधेरे में सैन्य नेतृत्व से मिलकर फेवर मांगते थे और फिर दिन में उन्हीं लोगों पर हमला करते थे. मार्च में विपक्ष का इमरान सरकार पर दबाव बढ़ गया था. इसी समय इमरान खान ने सेना प्रमुख बाजवा से मुलाकात की और उन्हें सेवा विस्तार का ऑफर दिया, जिसे सेना प्रमुख ने ठुकरा दिया. इमरान खान के सहयोगी ने रायटर्स के अनुरोध का जवाब नहीं दिया कि क्या इस तरह का ऑफर दिया गया था.

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