ट्विटर के नये मालिक बने एलन मस्क ने पराग अग्रवाल को कंपनी से बाहर कर दिया है. पराग को पिछले साल नवंबर में ट्विटर के सह-संस्थापक जैक डोरसी ने सीईओ नियुक्त किया था. भारतीय मूल के पराग के अलावा मस्क ने ट्विटर पर लीगल, पॉलिसी और ट्रस्ट प्रमुख विजया गड्डे और दो और शीर्ष अधिकारियों को निकाल दिया है.
न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्क ने बृहस्पतिवार को 44 बिलियन डॉलर में ट्विटर सौदा कर लिया है. मस्क ने इस साल अप्रैल में जब ट्विटर खरीदने की इच्छा जताई थी, तभी से यह भी चर्चा थी पराग अग्रवाल को हटाया जा सकता है. रिसर्च फर्म इक्विलर ने यह भी गणना की थी कि अगर ट्विटर खरीदने के बाद पराग अग्रवाल को मस्क कंपनी से हटाते हैं तो उन्हें कितने रुपये मिलेंगे.
इक्विलर ने कहा था कि अगर पराग को कंपनी पर नियंत्रण के 12 महीने के भीतर हटा दिया जाता है तो उन्हें लगभग 42 मिलियन डॉलर मिलेंगे. अब आपको यह भी बता देते हैं कि 42 मिलियन डॉलर लगभग 3,457,145,328 रुपये होते हैं. समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार, इक्विलर के अनुमान में पराग अग्रवाल के मूल वेतन का एक साल का मूल्य और सभी इक्विटी पुरस्कार शामिल हैं. यह अनुमान मस्क के ट्विटर के प्रति शेयर 54.20 डॉलर की पेशकश पर आधारित है.
मस्क ने 14 अप्रैल को एक सिक्यूरिटिज फाइलिंग में कहा था कि उन्हें ट्विटर के प्रबंधन पर भरोसा नहीं है. आपको बता दें कि पराग अग्रवाल पहले ट्विटर के टीफ टेक्नॉलॉजी अफसर (सीटीओ) थे. पिछले साल नवंबर में ही उन्हें सीईओ का पद मिला था. रायटर्स के अनुसार, 2021 में उन्हें कुल मुआवजा 30.4 मिलियन डॉलर मिला था. यह ज्यादातर स्टॉक अवार्डस में था. आईआईटी बांबे और स्टैनफोर्ड के पूर्व छात्र पराग अग्रवाल पिछले एक दशक से ट्विटर से जुड़े थे. तब कंपनी में 1,000 से भी कम कर्मचारी थे.
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