प्रतीकात्मक तस्वीर
लाहौर:
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक गांव की पंचायत ने रिश्तेदार के साथ अवैध संबंध रखने के दोष में 19 वर्षीय युवती को मौत की सजा सुनायी है. गौरतलब है कि युवती ने उसी रिश्तेदार पर बंदूक के जोर पर उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया है. घटना शुक्रवार को लाहौर से करीब 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित राजनपुर जिले की है. पंचायत का फैसला जानने के बाद युवती शुमैला गांव से भाग निकली और इसकी सूचना पुलिस को दी. युवती ने अपने रिश्तेदार खलील अहमद के साथ किसी प्रकार के अवैध संबंध से इनकार किया है. आरोप लगाया है कि खलील ने उसके साथ बंदूक के जोर पर बलात्कार किया है.
उसने पुलिस को कहा, ‘‘मैं चीख नहीं सकी क्योंकि अहमद के हाथों में बंदूक थी. लेकिन पंचायत ने उसकी बात नहीं सुनी और घोषणा की कि मैंने अपनी मर्जी से उसके साथ संबंध बनाए थे.’’ युवती का कहना है कि पंचायत ने अहमद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. अपनी जान को खतरा देखते हुए वह शनिवार को पुलिस के पास पहुंची.
फाजिलपुर थाने के प्रभारी कैसर हसनैन ने कहा, ‘‘हमने पंचायत सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है और उसे (महिला को) कारी (पत्थर मार कर या अन्य तरीके से मरने योग्य) घोषित करने के लिए उन्हें हिरासत में लेंगे.’’ हसनैन ने कहा, 'शुमैला के पिता ने अपने बयान में कहा है कि उनसे जबरदस्ती पंचायत का फैसला मनवाया गया.' उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि पंचायत ने उसे जान से मारने योग्य घोषित कर दिया, उन्हें फैसला स्वीकार करना पड़ा क्योंकि यही गांव की परंपरा है.’’ पुलिस ने शुमैला को राजनपुर स्थित सरकारी आश्रय गृह भेज दिया है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उसने पुलिस को कहा, ‘‘मैं चीख नहीं सकी क्योंकि अहमद के हाथों में बंदूक थी. लेकिन पंचायत ने उसकी बात नहीं सुनी और घोषणा की कि मैंने अपनी मर्जी से उसके साथ संबंध बनाए थे.’’ युवती का कहना है कि पंचायत ने अहमद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. अपनी जान को खतरा देखते हुए वह शनिवार को पुलिस के पास पहुंची.
फाजिलपुर थाने के प्रभारी कैसर हसनैन ने कहा, ‘‘हमने पंचायत सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है और उसे (महिला को) कारी (पत्थर मार कर या अन्य तरीके से मरने योग्य) घोषित करने के लिए उन्हें हिरासत में लेंगे.’’ हसनैन ने कहा, 'शुमैला के पिता ने अपने बयान में कहा है कि उनसे जबरदस्ती पंचायत का फैसला मनवाया गया.' उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि पंचायत ने उसे जान से मारने योग्य घोषित कर दिया, उन्हें फैसला स्वीकार करना पड़ा क्योंकि यही गांव की परंपरा है.’’ पुलिस ने शुमैला को राजनपुर स्थित सरकारी आश्रय गृह भेज दिया है.
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