परवेज मुशर्रफ (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने विवादास्पद नेशनल रिकंसिलिएशन ऑर्डिनेंस (एनआरओ) के कारण हुए नुकसान की भरपाई से जुड़े एक मामले पर सुनवाई करते हुए पूर्व राष्ट्रपतियों परवेज मुशर्रफ और आसिफ अली जरदारी की संपत्तियों का ब्यौरा मांगा. उच्चतम न्यायालय ने सभी प्रतिवादियों को आदेश दिया कि वे अदालत में हलफनामा दायर कर विदेशों में अपनी संपत्तियों के साथ ही विदेशों में अगर उनकी कोई कंपनी है तो उसका ब्यौरा दें. तत्कालीन राष्ट्रपति मुशर्रफ की सरकार ने अक्तूबर 2007 में एनआरओ लागू किया था.
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अध्यादेश के तहत नेताओं के खिलाफ मामलों को हटा लिया गया जिससे कई नेताओं की स्वदेश वापसी का रास्ता साफ हो गया. मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार ने आदेश दिया कि पूर्व अटॉर्नी जनरल मलिक कय्यूम भी अपनी संपत्तियों का ब्यौरा सौंपें. मुख्य न्यायाधीश वाली तीन सदस्यीय पीठ ने लॉयर्स फाउंडेशन फॉर जस्टिस के अध्यक्ष वकील फिरोज शाह गिलानी की याचिका पर सुनवाई की.
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एनआरओ लागू होने के बाद पाकिस्तान को हुए नुकसान की भरपाई के लिए याचिका दायर की गई थी.
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