पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और रिटायर्ड जनरल परवेज मुशर्रफ की हालत पिछले तीन हफ्तों में काफी बिगड़ गई है. उनके परिवार ने परवेज मुशर्रफ के आधिकारिक आकाउंट से संदेश दिया है, जिसमें संकेत दिया गया है कि "उनका ठीक होना संभव नहीं है." मुशर्रफ के परिवार ने मीडिया की उन रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिनमें यह कहा गया था कि उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया है.
Message from Family:
— Pervez Musharraf (@P_Musharraf) June 10, 2022
He is not on the ventilator. Has been hospitalized for the last 3 weeks due to a complication of his ailment (Amyloidosis). Going through a difficult stage where recovery is not possible and organs are malfunctioning. Pray for ease in his daily living. pic.twitter.com/xuFIdhFOnc
78 साल के परवेज़ मुशर्रफ के परिवार ने ट्वीट किया, "वो वेंटीलेटर पर नहीं हैं. वो पिछले तीन हफ्तों से एक गंभीर बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती हैं. फिलहाल ऐसे मुश्किल हालात से गुजर रहे हैं जहां ठीक होना संभव नहीं है और अंगों के काम करने में गड़बड़ी हो रही है. हम कामना करते हैं कि उनका रोजमर्रा का जीवन आसान हो."
आपको बता दें कि साल 2019 के दिसंबर में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ को देशद्रोह के केस में अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी. नवंबर, 2007 में देश में आपातकाल लागू कर देने के लिए पाकिस्तान के पूर्व सेनाप्रमुख रहे जनरल परवेज़ मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मामला पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने शुरू किया था. यह केस वर्ष 2013 से लम्बित था. फिर जनवरी 2020 में लाहौर हाईकोर्ट ने ने उस विशेष अदालत को 'असंवैधानिक' करार दिया, जिसने पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ को देशद्रोही करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी.
मुशर्रफ ने पाकिस्तान में 1999 से लेकर 2008 तक शासन किया था और वह लंबे समये से स्वनिर्वासन में दुबई में रह रहे थे. पीएमएल एन सरकार ने नवंबर, 2007 में संविधानेत्तर आपातकाल लगाने को लेकर पूर्व सेना प्रमुख के खिलाफ 2013 में देशद्रोह का मामला दायर किया था. इस आपातकाल के चलते ऊपरी अदालतों के कई न्यायाधीशों को उनके घरों में कैद कर लिया गया था और 100 से अधिक न्यायाधीश बर्खास्त कर दिये गये थे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं