नुसरत सहर अब्बासी सिंध प्रांत से सांसद है
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के सिंध इलाके से सांसद नुसरत सहर अब्बासी के लिए संसद में एक पुरुष सांसद ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. इसके बाद अब्बासी ने कहा कि अगर इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वह खुद को आग लगा लेंगी. मीडिया से बातचीत में महिला सांसद ने कहा कि इस वारदात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कानून का कितना पालन किया जाता है.
हुआ यूं था कि संसद में बहस के दौरान सिंध की सांसद अब्बासी को प्रांत के मंत्री इमदाद पिताफी ने अपने चैंबर में बुलाने की बात कही. इस टिप्पणी से अब्बासी बहुत नाराज़ हुईं और उन्होंने इसे शारीरिक प्रताड़ना कहते हुए संसद के बाहर धरना दिया. उन्होंने कहा कि डिप्टी स्पीकर एक महिला हैं और इसके बावजूद भी पिताफी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई. शनिवार को अब्बासी को पेट्रोल से भरी बोतल हाथ में लिए देखा गया और उन्होंने कहा कि अगर एक्शन नहीं लिया गया तो वह खुद को जला लेंगी.
सोशल मीडिया पर मामला उछला और आखिरकार पिताफी ने दबाव में आकर संसद में अब्बासी से माफी मांगी और साथ ही उनके प्रति सम्मान दिखाते हुए उनके सिर पर एक चादर भी ओढ़ा दी. अब्बासी ने एएफपी से बात करते हुए कहा कि मामला तो खत्म हो गया लेकिन यह महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचारों के खिलाफ बने कानून की असलियत को सबके सामने लाता है. अब्बासी ने कहा 'कानून का पालन एक सपना भर है, जब हम सांसद ही इस लिंग भेद से अछूते नहीं है तो क्या कहा जाए.'
गौरतलब है कि पाकिस्तानी महिलाओं दशकों से एक परंपरागत समाज में अपने हकों के लिए लड़ रही हैं. यहां एसिड हमले और हॉनर किलिंग जैसे मसले बड़ी आम सी बात है. हालांकि पाकिस्तान ने बीते कुछ समय में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई कानून पास किए हैं लेकिन आलोचकों का कहना है कि जब तक ये सही तरीके से लागू नहीं होंगे, इनका असर कम ही पड़ने वाला है.
पिछले साल पंजाब प्रांत में एक बिल पास हुआ था जिसमें हिंसा की परिभाषा में हर उस जुर्म को शामिल किया गया जो औरतों के खिलाफ किया जाता है. लेकिन कुछ इस्लामिक संस्थाओं ने इसका यह कहकर विरोध किया कि पुरुषों को अपनी पत्नियों को 'हल्के हाथ' से पीटने की अनुमति दी जानी चाहिए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हुआ यूं था कि संसद में बहस के दौरान सिंध की सांसद अब्बासी को प्रांत के मंत्री इमदाद पिताफी ने अपने चैंबर में बुलाने की बात कही. इस टिप्पणी से अब्बासी बहुत नाराज़ हुईं और उन्होंने इसे शारीरिक प्रताड़ना कहते हुए संसद के बाहर धरना दिया. उन्होंने कहा कि डिप्टी स्पीकर एक महिला हैं और इसके बावजूद भी पिताफी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई. शनिवार को अब्बासी को पेट्रोल से भरी बोतल हाथ में लिए देखा गया और उन्होंने कहा कि अगर एक्शन नहीं लिया गया तो वह खुद को जला लेंगी.
सोशल मीडिया पर मामला उछला और आखिरकार पिताफी ने दबाव में आकर संसद में अब्बासी से माफी मांगी और साथ ही उनके प्रति सम्मान दिखाते हुए उनके सिर पर एक चादर भी ओढ़ा दी. अब्बासी ने एएफपी से बात करते हुए कहा कि मामला तो खत्म हो गया लेकिन यह महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचारों के खिलाफ बने कानून की असलियत को सबके सामने लाता है. अब्बासी ने कहा 'कानून का पालन एक सपना भर है, जब हम सांसद ही इस लिंग भेद से अछूते नहीं है तो क्या कहा जाए.'
गौरतलब है कि पाकिस्तानी महिलाओं दशकों से एक परंपरागत समाज में अपने हकों के लिए लड़ रही हैं. यहां एसिड हमले और हॉनर किलिंग जैसे मसले बड़ी आम सी बात है. हालांकि पाकिस्तान ने बीते कुछ समय में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई कानून पास किए हैं लेकिन आलोचकों का कहना है कि जब तक ये सही तरीके से लागू नहीं होंगे, इनका असर कम ही पड़ने वाला है.
पिछले साल पंजाब प्रांत में एक बिल पास हुआ था जिसमें हिंसा की परिभाषा में हर उस जुर्म को शामिल किया गया जो औरतों के खिलाफ किया जाता है. लेकिन कुछ इस्लामिक संस्थाओं ने इसका यह कहकर विरोध किया कि पुरुषों को अपनी पत्नियों को 'हल्के हाथ' से पीटने की अनुमति दी जानी चाहिए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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